हाइलाइट्स
- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को हम एक आधुनिक सोच वाले नेता थे।
- राजीव गांधी ने कंप्यूटर युग की शुरुआत की थी।
- वे भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे।
Rajiv Gandhi 81 Jayanti: राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। वे 1984 में अपनी मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद राजनीति में आए। अचानक से बने हालातों में उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और मात्र 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री (Youngest Prime Minister of India) बने। वे 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
सद्भावना दिवस और उनकी यादें
हर साल उनकी जयंती को सद्भावना दिवस (Sadbhavana Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देश में एकता, भाईचारे और शांति का संदेश दिया जाता है। राजीव गांधी को उनकी आधुनिक सोच, टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और कंप्यूटर युग की शुरुआत के लिए भी याद किया जाता है।
यह भी पढ़ें: यूपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: स्वास्थ्य विभाग ने 22 सीनियर डॉक्टरों का तबादला, कई जिलों में नए CMO की तैनाती
अपनी हत्या का अंदेशा पहले ही
राजीव गांधी के जीवन का सबसे चौंकाने वाला सच यह है कि उन्हें अपनी हत्या का अंदेशा कई साल पहले ही हो गया था। 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई, तब कांग्रेस पार्टी ने राजीव गांधी से प्रधानमंत्री बनने को कहा। उस समय उन्होंने अपनी पत्नी सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से कहा था – “अगर मैंने प्रधानमंत्री पद नहीं स्वीकारा तो पार्टी बिखर जाएगी और अगर स्वीकारा तो मेरी भी हत्या हो सकती है। पर कोई विकल्प नहीं है, मैं वैसे भी मारा जाऊंगा।” यह बात उनके करीबी पीसी एलेक्जेंडर (P.C. Alexander) ने अपनी किताब My Days with Indira Gandhi में लिखी है।
1991 की वह रात जिसने सब कुछ बदल दिया
21 मई 1991 की रात राजीव गांधी चुनाव प्रचार के लिए तमिलनाडु (Tamil Nadu) के श्रीपेरंबदूर (Sriperumbudur) पहुंचे। वहां एक आत्मघाती हमलावर युवती ने फूलों का हार देने के बहाने उनके करीब आकर बम विस्फोट कर दिया। धमाके में राजीव गांधी समेत कई लोग मारे गए। यह हमला श्रीलंका के आतंकी संगठन LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam) ने करवाया था।
धमाके से पत्रकारों को दिया था साक्षात्कार
धमाके से कुछ देर पहले ही पत्रकार नीना गोपाल (Neena Gopal) ने राजीव गांधी का इंटरव्यू लिया था। जब उनसे खतरे का अहसास होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था “दक्षिण एशिया (South Asia) में जो नेता ताकतवर बनता है, उसे खत्म कर दिया जाता है। मेरी मां इंदिरा गांधी, पाकिस्तान के जुल्फिकार अली भुट्टो, जनरल जिया-उल-हक, बांग्लादेश के शेख मुजीबुर रहमान… अब शायद मेरी बारी है।” और कुछ ही मिनट बाद उनके ये शब्द सच साबित हुए।
Archana Tiwari Missing Case: मिल गई अर्चना तिवारी, यूपी के लखीमपुर खीरी से बरामद, 20 अगस्त को भोपाल लाएगी रेलवे पुलिस
Archana Tiwari Missing Case: मध्यप्रदेश में ट्रेन से गायब हुई एडवोकेट अर्चना तिवारी मिल गई है। पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद किया है। नेपाल बॉर्डर के पास अर्चना मिली है। रेलवे पुलिस अर्चना को 20 अगस्त को लेकर भोपाल आएगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें