Bilaspur High Court: बलौदाबाजार (Balodabazar) जिले में सरकारी स्कूल की बड़ी लापरवाही को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की खंडपीठ ने बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह पूरा मामला बलौदाबाजार के पलारी ब्लॉक स्थित लच्छनपुर मिडिल स्कूल (Lachhanpur Middle School) का है। 28 जुलाई को स्कूल में मध्यान्ह भोजन (Mid-Day Meal) तैयार किया गया था। लेकिन उस भोजन को आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया। इसके बावजूद रसोइयों और स्कूल प्रशासन ने लापरवाही दिखाते हुए वही खाना बच्चों को परोस दिया।
बच्चों की जान पर बनी बात
इस घटना के बाद 84 छात्रों को गुपचुप तरीके से एंटी रेबीज (Anti-Rabies) टीका लगाया गया। प्रशासन की ओर से इसे छुपाने की कोशिश भी की गई, लेकिन मामला सामने आने पर कलेक्टर ने जांच कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई
कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय लच्छनपुर के प्रभारी प्रधानपाठक नेतराम गिरी और शिक्षक एलबी वेदप्रकाश पटेल को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। दोनों पर कर्तव्य में घोर लापरवाही और सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उल्लंघन का आरोप लगा।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लोक शिक्षण संचालनालय ने तत्काल प्रभाव से दोनों को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सिमगा तय किया गया है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ कहा कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अदालत ने प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए।
इस घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में आक्रोश फैल गया है। अभिभावक अब बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से सख्त निगरानी की मांग कर रहे हैं।
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