Chhattisgarh Liquor Scam Chaitanya Baghel: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की एक बार फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई अब 1 सितंबर को होगी।
मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल की 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड की मांग की थी, जिस पर कल यानी 19 अगस्त को सुनवाई होगी।
ED ने चैतन्य बघेल को बर्थडे को किया था गिरफ्तार
21 जुलाई को ED रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है।
शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपए की अवैध कमाई (POC) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई।
चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपए कैश मिले
ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए की अवैध कमाई प्राप्त हुई थी।
उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था।
यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था।
पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था।
चैतन्य बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया।
जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपए प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया।
1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति संभालने का आरोप
इसके अलावा, उन पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपए से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है।
वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे।
ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है।
पहले से गिरफ्त में हैं कई बड़े चेहरे
ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। मामले में आगे की जांच जारी है।
हाईकोर्ट ने ED से मांगा 26 अगस्त तक जवाब
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
जिसमें चैतन्य ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी।
इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में ED की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई, जिस पर 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने सुनवाई की और ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।
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जेल अधीक्षक को कोर्ट के निर्देश
चैतन्य बघेल के वकील ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य को जेल में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं।
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