Gwalior Officer No Chair: कहा जाता है “कुर्सी बड़ी हो या छोटी, भ्रष्टाचार का खेल हर जगह चलता है…”, लेकिन क्या हो जब विभाग के अधिकारी को कुर्सी ही ना मिले। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर से समाने आया है। यहां मध्यप्रदेश भवन विकास निगम में पदस्थ सहायक महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली है। अधिकारी को मजबूरन जमीन पर बैठकर काम करना पड़ रहा है। हालांकि इसे अधिकारी जातिगत भेदभाव बता रहे हैं।
कुर्सी-टेबल की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं
मध्यप्रदेश भवन विकास निगम में पदस्थ सहायक महाप्रबंधक सतीश डोंगरे पिछले एक साल से बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिली है। भवन विकास निगम का यह कार्यालय किराए के भवन में संचालित है। यहां सभी अफसरों को चैंबर और टेबल-कुर्सियां उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन सतीश डोंगरे को अब तक फर्नीचर नहीं मिला। वे रोजाना दफ्तर में चटाई बिछाकर जमीन पर बैठते हैं और विभागीय काम को निपटाते हैं। डोंगरे का कहना है कि उन्होंने कई बार कुर्सी और टेबल की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
डिमांड भोपाल मुख्यालय भेजी है
इस मामले पर जब निगम के अतिरिक्त महाप्रबंधक अच्छेलाल अहिरवार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि भोपाल मुख्यालय को डिमांड भेजी गई है, जब फंड आएगा तभी फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
अब सवाल उठ रहा है, आखिर एक अधिकारी को टेबल-कुर्सी के लिए एक साल से इंतजार क्यों करना पड़ रहा है? यह विभाग के जिम्मेदार अफसर की लापरवाही है या फिर सतीश डोंगरे का आरोप सही है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव हो रहा है?
असहज करने वाली है तस्वीर
आजाद भारत में यह तस्वीर बेहद असहज और हैरान करने वाली है। जब अन्य अधिकारियों को आराम से चैंबर और फर्नीचर उपलब्ध हैं तो फिर एक अधिकारी को बुनियादी सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही ?
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…कुर्सी-टेबल के लिए फंड क्यों नहीं ?
सतीश डोंगरे का कहना है कि वे केवल अपना काम करना चाहते हैं, लेकिन एक साल से लगातार अपमान का सामना कर रहे हैं। उनका सवाल है कि जब बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए करोड़ों का बजट निकलता है तो फिर एक कुर्सी-टेबल के लिए फंड क्यों नहीं मिलता ?
MP Tahsildar Protest: तहसीलदार-नायब तहसीलदारों ने काम नहीं किया तो होगी कार्रवाई, PS राजस्व से फिर मिलेंगे
MP Tahsildar Protest Update: मध्यप्रदेश में तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की अघोषित हड़ताल पर अंकुश लगाने सरकार अनुशासन का डंडा चलाने की तैयारी में है। इसका असर सोमवार, 18 अगस्त से देखने को मिल सकता है। हालांकि, सरकार के आदेश के बाद तहसीलदार-नायब तहसीलदारों के संघ ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से मिलन का समय लिया है। सोमवार को मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांतीय पदाधिकारी और सभी 55 जिलों के अध्यक्ष मुलाकात करेंगे। उसके बाद आगे के विरोध की रणनीति तय होगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…