Madhya Pradesh (MP) Paramedical College: मध्यप्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 8 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे 2023-24 और 2024-25 सत्रों की एडमिशन प्रक्रिया फिर से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
पूरा मामला क्या है?
दरअसल हाईकोर्ट ने 16 जुलाई 2025 को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए पैरामेडिकल कोर्स की एडमिशन प्रक्रिया और कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने 2025 में 2023-24 के सत्र के लिए रेट्रोस्पेक्टिव मान्यता देने को अतार्किक बताया था। सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बावजूद, 8 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पैरामेडिकल काउंसिल को सभी कॉलेजों के मान्यता से जुड़े दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता का सीधा संबंध नहीं
पैरामेडिकल काउंसिल ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। 1 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया और कहा कि याचिकाकर्ता (लॉ स्टूडेंट्स) का इस मामले से सीधा संबंध नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई जारी रख सकता है, लेकिन क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) की जांच पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट क्यों हुआ नाराज ?
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि जब उसने पहले ही स्टे लगा दिया है, तो हाईकोर्ट का आगे निर्देश देना संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम हाईकोर्ट पर प्रशासनिक नियंत्रण नहीं रखते, पर उन्हें न्यायिक औचित्य के महत्व का ध्यान रखना चाहिए।
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