MP Infertility Centre. मध्यप्रदेश की महिलाओं को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। दरअसल राजधानी भोपाल के कैलाशनाथ काटजू हॉस्पिटल में जल्द ही एमपी का पहला प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजी और इनफर्टिलिटी सेंटर (MP Infertility Centre) खुलने वाला है। इस सेंटर के उद्घाटन के बाद, प्रदेश की महिलाओं को पूरी हेल्थकेयर सुविधा एक ही छत के नीचे मिल सकेगी।
एक ही छत के नीचे सारी सुविधा
यानी अब इनफर्टिलिटी, पीसीओएस, फाइब्रॉइड, हार्मोनल दिक्कतें और कैंसर का ट्रीटमेंट एक ही जगह हो सकेगा। अब तक इन समस्याओं के इलाज के लिए महिलाओं को अलग-अलग अस्पतालों में भटकना पड़ता था। बंसल न्यूज डिजिटल ने कैलाशनाथ काटजू हॉस्पिटल की नोडल & इंचार्ज डॉ. रचना दुबे से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि, ये स्वास्थ्य केंद्र (MP Infertility Centre) महिलाओं को किस तरह फायदा पहुंचाएगा।
राज्यस्तरीय सेंटर से मिलेगा फायदा
काटजू अस्पताल में स्टेट ऑफ आर्ट सेंटर फॉर प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजी एंड इन्फर्टिलिटी (MP Infertility Centre) शुरू किया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं से संबंधित बीमरियों मेनोपॉज, निसंतानता, पीसीओएस, सर्वाइकल कैंसर, मोटापा, अनियमित मासिक धर्म जैसी महिलाओं की समस्याओं का इलाज आसानी से हो सकेगा।
हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का निदान
जिन महिलाओं की उम्र 45 से 50 साल के आसपास है उन्हें हडि्डयों से जुड़ी समस्याएं हो सकतीं हैं। इस दौरान महिलाओं की माहवारी बंद होने लगती है। मेडिकल फील्ड की भाषा में इसे मेनोपॉज कहते हैं।
इस अवस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर बहुत कम हो जाता है।
महिलाओं से जुड़ी बीमारियों का होगा ट्रीटमेंट
इस प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजी और इनफर्टिलिटी सेंटर में सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और IVF का ट्रीटमेंट भी किया जाएग। इसके अलावा इनफर्टिलिटी, PCOS, फाइब्रॉइड का ट्रीटमेंट भी हो सकेगा। यहां महिलाएं हार्मोनल दिक्कतें और कैंसर का इलाज भी करा सकेंगी।
PCOS है इनफर्टिलिटी की सबसे बड़ी वजह
डॉ. रचना दुबे ने बताया कि, इनफर्टिलिटी की सबसे बड़ी वजह PCOS है। करीब 36% महिलाओं को PCOS की समस्या होती है। महिलाओं को न ही इसके लक्षण दिखते हैं और न ही बिना जांच के इस बीमारी का पता चलता है।
इस सेंटर में बांझपन का सही और सटीक ट्रीटमेंट हो सकता है। उन्होंने बताया कि, पहले महिलाओं की स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर जागरूकता के साथ इलाज किया जाएगा।
सेंटर में मेनोपॉजिल क्लिनिक की सुविधा
काटजू हॉस्पिटल में कंप्लीट गायनेकोलॉजी सेंटर की शुरुआत होगी। दरअसल मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। बात करें सर्वाइकल कैंसर की तो इसके लक्षण हमें दिखाई पड़ते हैं।
जबकि पेट और लंग के कैंसर में लक्षण छिपे हुए होते हैं। पेट और लंग का कैंसर आखिरी स्टेज में ही पता चलता है। सर्वाइकल कैंसर में महिलाओं की रेगुलर स्क्रीनिंग की जरूरत होती है।
हॉस्पिटल में मिलेगी कीगल चेयर की सुविधा
डॉ. रचना दुबे ने बताया कि, डिलीवरी के बाद महिलाओं में प्रोलैप्स होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। इसके लिए सेंटर (MP Infertility Centre) में आधुनिक कीगल चेयर की सुविधा भी मिलेगी।
इस मशीन के जरिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज हो सकेगी। यहां लेजर मशीन के जरिए गायनेकोलॉजिकल समस्याएं दूर होंगी। उन्होंने आगे कहा कि, कैंसर से लड़ने के लिए महिलाओं में जागरूकता होना बेहद जरूरी है।