Madhya Pradesh (MP) MP Police Dial 112 Details Update: मध्यप्रदेश में अब आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं है। आज यानी गुरुवार, 14 अगस्त 2025 से मध्यप्रदेश में डायल 112 सेवा शुरू की गई। इसके साथ ही अब तक चल रहे 10 आपातकालीन नंबर की जगह अब सिर्फ डायल 112 नंबर काम आएगा।
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डायल 112 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पुलिस का किसी के घर आना अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि समाज में स्व-अनुशासन की भावना होनी चाहिए। फिर भी, समाज की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस की उपस्थिति अनिवार्य है। अगर पुलिस अपनी तत्परता के साथ-साथ अपनी ताकत भी बढ़ाती है, तो यह समाज के लिए और भी फायदेमंद होगा। डायल 112 नंबर डायल करने पर सभी आपातकालीन सेवाओं की सुविधाएं मिलेंगी।
आपातकालीन एकीकृत सेवा
इसका उद्देश्य सभी आपातकालीन सेवाओं को एक ही डायल 112 नंबर पर उपलब्ध कराना है। एकीकृत सेवा में 10 अलग-अलग आपातकालीन परिस्थितियों से निपटा जाएगा। यह स्मार्ट और बहु-एजेंसी आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा के रूप में शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना भी मौजूद रहे।
ये आपात नंबर हो जाएंगे बंद
- पुलिस (100)
- स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108)
- अग्निशमन (101)
- महिला हेल्पलाइन (1090)
- साइबर क्राइम (1930)
- रेल मदद (139)
- हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099)
- प्राकृतिक आपदा (1079)
- महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098)
- सभी सेवाओं के लिए डायल 112 नंबर डायल करना होगा।
डायल-112 की क्या खासियत ?
नई डायल-112 सेवा को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए कई नई सुविधाओं को जोड़ा गया है। इन विशेषताओं का उद्देश्य आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को अधिक कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाना है।
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उच्च क्षमता वाला कॉन्टैक्ट सेंटर
हर शिफ्ट में 100 एजेंटों की क्षमता वाला एक नया कॉन्टैक्ट सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें 40 सीटों की डिस्पैच यूनिट शामिल है। PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइनों में माइग्रेशन किया गया है, जिससे 112 पर कॉल करना और भी आसान हो जाएगा।
उन्नत निगरानी और रिपोर्टिंग
नए वाहन में उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स का उपयोग किया गया है, ताकि डेटा का विश्लेषण और निगरानी बेहतर ढंग से हो सके।
FRV के रखरखाव को ट्रैक करने के लिए एक समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। इसमें बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ्टवेयर भी शामिल है।
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गोपनीयता और नंबर मास्किंग
नागरिकों और फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (FRV) के बीच बेहतर संपर्क के साथ-साथ, गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग का समाधान भी लागू किया गया है। शिकायतों को ट्रैक करने और नागरिकों से संवाद के लिए चैटबॉट जैसे गैर-वॉयस माध्यमों की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
डैशबोर्ड और बॉडी वॉर्न कैमरा
FRV में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी-वॉर्न कैमरा की व्यवस्था की गई है, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। नागरिकों और पुलिस अधिकारियों दोनों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स विकसित किए गए हैं।
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