CG Mitanin Strike: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली मितानिनें (Mitanin) पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। 7 अगस्त को रायपुर संभाग (Raipur Division) से शुरू हुआ यह आंदोलन अब प्रदेश के हर संभाग में फैल चुका है। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) जैसे पारिवारिक त्योहार के दिन भी महिलाएं सड़कों पर अपनी मांगों के लिए डटी रहीं।
3 सूत्रीय मुख्य मांगें
- एनएचएम (NHM) में संविलियन – कार्यरत मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक (Trainer), हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर (Help Desk Facilitator) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) में शामिल किया जाए।
- मानदेय में 50% वृद्धि – वर्तमान मानदेय क्षतिपूर्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।
- ठेका प्रथा खत्म हो – एनजीओ (NGO) के अंतर्गत काम करने वाले सभी मितानिन, प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर का ठेका प्रथा में काम करना बंद हो।
संभागवार प्रदर्शन का प्लान
- 7 अगस्त – रायपुर संभाग
- 8 अगस्त – दुर्ग संभाग
- 9 अगस्त – बिलासपुर संभाग
- 10 अगस्त – सरगुजा संभाग
- 11 अगस्त – बस्तर संभाग
पहले भी उठा चुकी हैं आवाज
मितानिन संघ ने इससे पहले 29 जुलाई को राजधानी रायपुर में बड़ा प्रदर्शन किया था। उस समय उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे कामबंद और कलमबंद आंदोलन शुरू करेंगी।
मितानिनों की अहम भूमिका
प्रदेश में करीब 72,000 मितानिनें हैं, जो गांव और शहरों के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की पहली कड़ी और ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ कहा जाता है।
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FAQ – मितानिन संघ की हड़ताल पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: मितानिन कौन होती हैं?
Ans: मितानिन (Mitanin) ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहली कड़ी होती हैं। ये गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सहायता और जागरूकता प्रदान करती हैं।
Q2: मितानिन संघ हड़ताल क्यों कर रहा है?
Ans: मितानिन संघ (Mitanin Sangh) की 3 प्रमुख मांगें हैं –
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एनएचएम (NHM) में संविलियन
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मानदेय में 50% की वृद्धि
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ठेका प्रथा खत्म करना
Q3: हड़ताल कब से चल रही है?
Ans: हड़ताल 7 अगस्त से शुरू हुई है और यह संभागवार (Division-wise) तरीके से आयोजित की जा रही है।
Q4: हड़ताल का असर किन जिलों में हो रहा है?
Ans: रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर सहित पूरे प्रदेश में हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है।
Q5: क्या इस हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी?
Ans: हां, ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ सकता है, क्योंकि मितानिनें स्वास्थ्य प्रणाली की अहम हिस्सा हैं।
Q6: क्या सरकार ने कोई जवाब दिया है?
Ans: अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक समाधान की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बातचीत की कोशिशें जारी हैं।
Q7: प्रदेश में कितनी मितानिनें कार्यरत हैं?
Ans: छत्तीसगढ़ में लगभग 72,000 मितानिनें कार्यरत हैं।