हाइलाइट्स
- बिजनौर में गंगा-खो नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर
- 15 गांवों के 5682 लोग बाढ़ से प्रभावित
- तटबंध टूटने से कृषि भूमि में पानी भरा
रिपोर्ट – प्रदीप कैशिक
Bijnor Flood Update: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में लगातार हो रही अतिवृष्टि और पहाड़ों से आ रहे पानी के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। 7 अगस्त 2025 की सुबह 9 बजे तक गंगा नदी का जलस्तर 221.20 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान (220.20 मीटर) से 1 मीटर ऊपर बह रहा है।
गंगा का अधिकतम बाढ़ स्तर 222.50 मीटर है और वर्तमान डिस्चार्ज 232.763 क्यूसेक दर्ज किया गया। वहीं, खो नदी का जलस्तर 225.40 मीटर है, जो खतरे के निशान 225.25 मीटर से 0.15 मीटर ऊपर बह रही है।
क्षतिग्रस्त तटबंध और बचाव कार्य
गंगा नदी और मालन नदी में अत्यधिक पानी आने के कारण बाकरपुर-युसुफपुर तटबंध (तहसील सदर) पर पानी का दबाव इतना बढ़ा कि 2.500 किलोमीटर पर तटबंध टूट गया। तटबंध टूटने से पानी कृषि भूमि में फैल गया, हालांकि आबादी क्षेत्र को अभी सुरक्षित बताया गया है। तटबंध की मरम्मत जारी है।
इसके अलावा, गंगा नदी के दाहिने किनारे स्थित नहटौर तटबंध (तहसील धामपुर) में भी 60 मीटर की दरार आ गई। तेज बहाव को देखते हुए तुरंत रेस्क्यू टीम ने पानी को नाले के माध्यम से वापस गंगा नदी में मोड़ दिया और गांवों को बचा लिया। यहां भी मरम्मत कार्य जारी है।
प्रभावित गांव और जनसंख्या
बाढ़ का असर बिजनौर, नजीबाबाद और चांदपुर तहसीलों के कई गांवों में देखा जा रहा है।
तहसील | प्रभावित गांवों के नाम | गांवों की संख्या | प्रभावित परिवार | प्रभावित लोग |
---|---|---|---|---|
बिजनौर | खेड़की हेमराज, नबलपुर, रावली, गंगोई खादर, आलमपुर नीला, रामपुर ठकरा, मकसूदनपुर हफीज, चांदपुर नौआबाद, काजीवाला, सेवारामपुर सकट सिंह | 10 | 931 | 3932 |
नजीबाबाद | खैरुल्लापुर, मौज्जमपुर, तुलसी अलीपुरा | 3 | 230 | 1165 |
चांदपुर | मीरापुर सीकरी, सलेमपुर | 2 | 95 | 480 |
कुल | — | 15 | 1256 | 5682 |
बिजनौर तहसील – खेड़की हेमराज, नबलपुर, रावली, गंगोई खादर, आलमपुर नीला, रामपुर ठकरा, मकसूदनपुर हफीज, चान्दपुर नौआबाद, काजीवाला, सेवारामपुर सकट सिंह सहित 10 गांव प्रभावित हैं। यहां कुल 931 परिवार और 3932 लोग प्रभावित हुए हैं।
नजीबाबाद तहसील – खैरुल्लापुर, मौज्जमपुर, तुलसी अलीपुरा में 230 परिवार और 1165 लोग प्रभावित हैं।
चांदपुर तहसील – मीरापुर सीकरी और सलेमपुर में 95 परिवार और 480 लोग प्रभावित हुए हैं।
कुल मिलाकर 15 गांवों के 1256 परिवार और 5682 लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति
घटना/क्षति का प्रकार | स्थान | संख्या |
---|---|---|
मानव मृत्यु | अतिवृष्टि और डूबने से (पिछले 24 घंटे) | 1 |
बड़े पशुओं की मृत्यु | धामपुर | 1 |
छोटे पशुओं की मृत्यु | धामपुर | 7 |
शावकों की मृत्यु | धामपुर | 15 |
मकानों को नुकसान | बिजनौर, नजीबाबाद, धामपुर, चांदपुर, नगीना | 22 |
पिछले 24 घंटे में अतिवृष्टि और डूबने से कुल 1 व्यक्ति की मौत हुई है। धामपुर में 1 बड़े पशु, 7 छोटे पशु और 15 शावकों की मृत्यु हुई है। बिजनौर, नजीबाबाद, धामपुर, चांदपुर और नगीना तहसीलों में कुल 22 मकानों को नुकसान पहुंचा है।
राहत और बचाव कार्य
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में खाद्यान्न वितरण शुरू कर दिया है। बिजनौर में 200, नजीबाबाद में 100 और चांदपुर में 200 राहत किट वितरित की गईं। इसके अलावा, शेल्टर होम भी बनाए गए हैं। ग्राम पंचायत इटावा, ग्राम घासीवाला में बनाए गए शेल्टर होम में 40 लोग ठहरे हुए हैं।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। गंगा नदी का जलस्तर, खो नदी में बाढ़, तटबंध क्षति और अतिवृष्टि जैसी परिस्थितियों पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।
ध्यान दें
यह बाढ़ न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही है बल्कि कृषि भूमि में पानी भरने से किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य और तटबंधों की मरम्मत कार्य तेज कर दिए हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
FAQ’s
A. बिजनौर में गंगा और खो नदियों का जलस्तर कब सामान्य हो सकता है?
वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और पहाड़ों से लगातार पानी आने के कारण निकट भविष्य में इसका स्तर जल्दी कम होने की संभावना कम है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान और अपस्ट्रीम क्षेत्रों की वर्षा पर निर्भर करेगा कि जलस्तर कब सामान्य होगा। प्रशासन नियमित मॉनिटरिंग कर रहा है और स्थिति सामान्य होते ही अपडेट जारी करेगा।
B. प्रभावित गांवों के लोगों के लिए राहत और पुनर्वास की क्या व्यवस्था की गई है?
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत किट वितरण, शेल्टर होम की व्यवस्था और तटबंध मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न, पीने का पानी, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराया जा रहा है। बाढ़ का पानी घटने के बाद पुनर्वास और मुआवज़ा प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
C. बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी?
कृषि भूमि में पानी भरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि विभाग संयुक्त सर्वे कर रहे हैं। सर्वे पूरा होने के बाद पात्र किसानों को मुआवज़ा और बीमा क्लेम की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सरकार की राहत नीति के अनुसार प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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