हाइलाइट्स
- 8 अगस्त को वाराणसी के सभी स्कूल रहेंगे बंद
- गंगा का जलस्तर घटा, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार
- बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बिजली आपूर्ति शुरू
रिपोर्ट – अभिषेक सिंह
Varanasi Schools Closed: वाराणसी में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी वाराणसी ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। 08 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जनपद वाराणसी में संचालित सभी स्कूल – प्री-प्राइमरी से कक्षा-12 तक (बेसिक शिक्षा परिषद्, माध्यमिक शिक्षा परिषद्, CBSE, ICSE और संस्कृत बोर्ड) बंद रहेंगे।
School Holiday in Varanasi on 8 August को लेकर प्रशासन ने यह कदम बच्चों की सुरक्षा और भारी वर्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। सभी प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों को इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
गंगा नदी का जलस्तर कम हो रहा
वाराणसी में बीते 9 दिनों में गंगा का जलस्तर लगभग 5 मीटर तक बढ़ा था। हालांकि अब जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्तमान में गंगा का जलस्तर 71.24 मीटर है और यह 3 सेमी प्रति घंटे की दर से घट रहा है।
Ganga Water Level in Varanasi Today के अनुसार जलधारा सड़कों और गलियों से हटकर फिर से घाटों की सीढ़ियों की ओर लौट रही है। लेकिन अभी भी कई स्थानों पर जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है।
प्रभावित घाटों और इलाकों की स्थिति
नमो घाट तीसरे दिन भी बंद रहा, श्रद्धालुओं को वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई।
राजघाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट की ओर से पानी लौटना शुरू हो चुका है।
गंगा बाबा विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार से 12 सीढ़ियाँ नीचे पानी है।
ललिता घाट और उसके आसपास की दीवारें अभी भी जलमग्न हैं।
सामनेघाट और कॉलोनियों में सुधार, लेकिन दिक्कतें बरकरार
सामनेघाट, महेश नगर और अन्य कॉलोनियों में पानी वापस लौट रहा है लेकिन अब भी 3-4 फीट तक जलभराव बना हुआ है। इससे स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
बाढ़ पीड़ितों की नाराजगी – राहत सामग्री को लेकर हंगामा
नगवा गंगोत्री विहार क्षेत्र में बुधवार शाम को राहत सामग्री न मिलने पर लोगों ने हंगामा किया। लोगों ने आरोप लगाया कि सरकारी राहत सामग्री नहीं मिल रही, उन्हें खाद्य सामग्री खरीदनी पड़ रही है।
वार्ड पार्षद प्रतिनिधि डॉ. रविंद्र सिंह ने बताया कि संकरी गलियों की वजह से नाव नहीं पहुंच पा रही है।
गांवों में राहत कार्य जारी
चिरईगांव, ढाब क्षेत्र के रामचंदीपुर, मोकलपुर, गोबरहा, रामपुर, मुस्तफाबाद, चांदपुर जैसे गांव पूरी तरह बाढ़ में डूबे हुए हैं। प्रशासन की ओर से 37 नावें राहत कार्यों में लगाई गईं हैं और भूसा, चारा, राशन सामग्री का वितरण जारी है।
बिजली आपूर्ति बहाली की प्रक्रिया शुरू
वाराणसी के 13 बिजली उपकेंद्र जो बाढ़ के चलते बंद कर दिए गए थे, वहां अब पानी उतरने के साथ बिजली आपूर्ति शुरू की जा रही है। मुख्य अभियंता राकेश पांडेय ने बताया कि सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए आपूर्ति बहाल की जा रही है।
गंगा का जलस्तर घटा, लेकिन अलर्ट जारी
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार रात 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 71.98 मीटर था, जो कि खतरे के निशान से 82 सेमी ऊपर है। अनुमान है कि 8 अगस्त की सुबह तक यह 71.45 मीटर पर पहुंच जाएगा।
Ganga Flood Situation in Varanasi पर नजर बनाए हुए प्रशासन ने रामनगर-सामनेघाट पुल को फिलहाल चार पहिया वाहनों के लिए बंद ही रखा है।
अब तक कितने लोग सुरक्षित
गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घटता जा रहा है। सामनेघाट की सड़क पर जहां पहले घुटनों से लेकर कमर तक पानी जमा था, अब उसमें लगभग आधा फीट की कमी आई है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 29 दिनों में गंगा का जलस्तर करीब सात मीटर तक बढ़ा हुआ था, लेकिन बुधवार को पहली बार उसमें गिरावट दर्ज की गई।
फिलहाल, बाढ़ के कारण 50,000 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया कि बुधवार को 38 परिवारों के लगभग 400 से अधिक लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया गया। अब तक 823 परिवारों के 8,000 से ज्यादा लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। इसके साथ ही, लोगों में बीमारियों और कठिनाइयों के बढ़ने का डर भी बना हुआ है।
FAQ’s
A. क्या वाराणसी में भारी बारिश के कारण फिर से स्कूल बंद हो सकते हैं?
भविष्य में यदि वाराणसी में भारी बारिश और गंगा के जलस्तर में फिर से तेज़ वृद्धि होती है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, तो प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक बार फिर स्कूल बंद करने का आदेश दे सकता है। 08 अगस्त 2025 को ऐसा ही निर्णय लिया गया था जब प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों को बंद किया गया। आगे भी ऐसी स्थितियों में यह निर्णय दोहराया जा सकता है।
b. गंगा का जलस्तर सामान्य होने में कितना समय लगेगा और किन क्षेत्रों में अभी भी खतरा है?
गंगा का जलस्तर वर्तमान में 71.24 मीटर है और प्रति घंटे 3 सेमी की दर से घट रहा है। अगर यही गिरावट बनी रही तो अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह और कम हो सकता है। हालांकि, अभी भी यह खतरे के निशान से 82 सेमी ऊपर है। ऐसे में घाटों (जैसे ललिता घाट, विश्वनाथ मंदिर गंगा द्वार) और कॉलोनियों (जैसे महेश नगर, सामनेघाट) में जलभराव बना रह सकता है। पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल होने में एक सप्ताह या उससे अधिक का समय लग सकता है।
C. भविष्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद और पुनर्वास कैसे किया जाएगा?
बाढ़ से प्रभावित 50,000 से अधिक लोगों में से अब तक लगभग 8,000 लोग विस्थापित हुए हैं और 823 परिवारों को राहत शिविरों में शरण दी गई है। आने वाले समय में प्रशासन द्वारा राहत कार्यों को और तेज किया जाएगा, जिसमें राशन वितरण, बिजली आपूर्ति बहाली, दवा और चिकित्सा सुविधा, स्वच्छ पानी की व्यवस्था और बीमारियों से बचाव जैसे प्रयास शामिल होंगे। साथ ही जिन क्षेत्रों में नाव नहीं पहुंच पाई है, वहां वैकल्पिक साधनों से राहत पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।
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