MP urea fertilizer shortage: मध्य प्रदेश में खाद की भारी किल्लत के चलते किसान बेहाल हैं। कई जिलों में यूरिया और अन्य खादों की भारी कमी से अन्नदाता खेतों में खेती छोड़कर लाइन में लगे हैं। किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी यूरिया नहीं मिल रहा है। किसान रात को जागकर अपने बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। कई जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है।
हरदा में यूरिया की भारी कमी के चलते किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। कई किसान रातभर लाइन में खड़े रहे, लेकिन जब सुबह गोदामों पर यूरिया खत्म हो गया, तो आक्रोशित किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान तेज धूप में खड़े रहने से लछोरा गांव के किसान अर्जुन कीर की तबीयत बिगड़ गई। वहीं शिवपुरी जिले में भी हालात बिगड़ते नजर आए। यहां यूरिया खाद के टोकन को लेकर किसानों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। ये मामले ऐसे समय में सामने आ रहे हैं जब केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों यह दावा कर रहे हैं कि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराई जा रही है।
यूरिया की कमी से परेशान किसानों ने किया हंगामा
मध्य प्रदेश के हरदा में यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात से लाइन में खड़े किसानों को टोकन तो मिल गए, लेकिन बुधवार दोपहर तक भी उन्हें यूरिया नहीं मिल सका। जब गोदाम में स्टॉक खत्म होने की जानकारी सामने आई, तो नाराज किसानों ने पुलिस की मौजूदगी में हंगामा किया और फिर सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन से यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की। इस दौरान लछोरा गांव के किसान अर्जुन कीर की तेज धूप और गर्मी में तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल डॉक्टरी मदद दी गई।
रातभर मच्छरों के बीच जूझते रहे किसान
गौरतलब है कि इस साल किसानों ने परंपरागत सोयाबीन की जगह मक्का की खेती का रकबा तीन गुना तक बढ़ा दिया है। लेकिन समय पर यूरिया न मिलने के कारण फसल पीली पड़ने लगी है, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। मंगलवार को प्रशासन ने एमपी एग्रो, डीएमओ गोदाम और सोसाइटी के माध्यम से खाद वितरण की जानकारी दी, जिसके बाद सैकड़ों किसान देर शाम से ही गोदामों पर पहुंच गए। बड़ी संख्या में किसान डीएमओ गोदाम के बाहर बैठे दिखाई दिए। किसान खाद के लिए खाद की बोरी के लिए बैरिकेड के बीच मच्छरों से परेशान होते रहे, रात भर जागकर अपनी बारी का इंतजार किया। लेकिन सुबह तक भी किसानों को यूरिया नहीं मिल पाया।
नंबर आने से पहले खत्म हो गया यूरिया
बुधवार दोपहर करीब एक बजे हालात बिगड़ने लगे जब खाद के लिए घंटों से लाइन में लगे किसानों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने तीन थानों की पुलिस तैनात कर दी। पुलिस ने किसानों को तेज धूप से बचाने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खुद टोकन बांटना शुरू कर दिया।
किसानों का कहना है कि वे पूरी रात लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब तक उनकी बारी आई, तब तक गोदाम में यूरिया खत्म हो चुका था।
डीएमओ गोदाम पर उमड़ी किसानों की भीड़
यूरिया वितरण को लेकर प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। विपणन संघ के प्रबंधक योगेश मालवीय ने जानकारी दी कि बुधवार को जिले में 1,100 मीट्रिक टन यूरिया सहकारी समितियों को और 300 मीट्रिक टन यूरिया प्राइवेट डीलरों को आवंटित किया गया। जिला मुख्यालय पर मार्कफेड के दो, प्राइवेट के दो और एमपी एग्रो के एक गोदाम से खाद का वितरण किया गया। इसके अलावा लगभग 11 सोसायटियों को भी यूरिया भेजा गया।
हालांकि, कृषि विभाग ने जिन प्राइवेट डीलरों को यूरिया दिया गया है, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए। इसी कारण किसान यह तय नहीं कर सके कि उन्हें कहां जाना है। नतीजतन, बड़ी संख्या में किसान डीएमओ गोदाम पर एकत्र हो गए, जिससे वहां भारी भीड़ और अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। किसानों का कहना है कि अगर सरकार समय रहते वितरण केंद्रों और डीलरों की पूरी जानकारी देती, तो उन्हें घंटों लाइन में खड़े रहकर मायूस न होना पड़ता।
प्रशासन को पहले ही करनी थी खाद की व्यवस्था
हरदा विधायक डॉ. आर.के. दोगने ने किसानों की परेशानियों पर चिंता जताते हुए कहा कि वे लगातार कलेक्टर और कृषि अधिकारियों से संपर्क में हैं, लेकिन अब तक स्थिति नहीं सुधरी। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास जमीन का पूरा रिकॉर्ड है, ऐसे में समय रहते यूरिया की मांग पूरी की जानी चाहिए थी।
शिवपुरी में यूरिया वितरण केंद्र पर हंगामा
शिवपुरी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में बुधवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब सब्जी मंडी के पास स्थित एमपी एग्रो के खाद वितरण केंद्र पर यूरिया के टोकन को लेकर किसानों के बीच जोरदार झगड़ा हो गया। जानकारी के अनुसार, खाद पाने की जल्दी में कतार में लगे किसानों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई।
घटना की सूचना मिलते ही वितरण केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और किसानों को शांत कराया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें किसान आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं।
किसानों का आरोप है कि वे रात भर भूखे-प्यासे ईमानदारी से लाइन में लगे रहे, लेकिन जब उनकी बारी आई तो खाद खत्म हो चुका था। वहीं, कुछ बाहरी लोगों को बीच में ही टोकन और खाद मिल गया, जिससे नाराजगी और झगड़े की स्थिति बनी। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि यूरिया वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और अनुशासित बनाया जाए ताकि असली जरूरतमंदों को समय पर खाद मिल सके।