BJP MLA Sanjay Pathak Mining Companies Fine: मध्य प्रदेश के विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी तीन खनन कंपनियों द्वारा अनुमति से ज्यादा खनन करने के मामले में सरकार एक्शन में है। अब सरकार ने इन कंपनियों से 443 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली का फैसला लिया है। राजस्व में संभावित हानि को देखते हुए जीएसटी जोड़ने के बाद यह राशि और बढ़ सकती है।
यह जानकारी मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक प्रश्न के जवाब में दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से प्रश्नकाल में दिए गए लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी गई है। हालांकि, कंपनियों ने इसे तथ्यहीन और निरीक्षण के बिना तैयार की गई रिपोर्ट बताया है।
सरकार करेगी 443 करोड़ की वसूली
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जवाब में बताया कि तीन कंपनी आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स और पैसिफिक एक्सपोर्ट ने स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन किया, लेकिन सरकार को लगभग 1000 करोड़ रुपये की रॉयल्टी नहीं दी इसके बाद, खनिज विभाग ने जांच कराई और 6 जून 2025 को रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें 443 करोड़ 4 लाख 86 हजार 890 रुपए की वसूली तय की गई है। साथ ही जीएसटी की राशि अलग से जोड़ी जाएगी।
कंपनियों ने जताई आपत्ति, लगाए ये आरोप
गंभीर आरोपों के जवाब में आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और निर्मला मिनरल्स ने अपना आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया है। दोनों कंपनियों ने रिपोर्ट को “आधारहीन और एकतरफा” बताया और कहा कि यह बिना किसी निरीक्षण या संवाद के तैयार की गई है।
कंपनियों ने बताया कि वे पिछले 70 सालों से खनिज व्यापार में सक्रिय हैं और इनकी मूल फर्म सीएल पाठक एंड संस को खनन क्षेत्र में लगभग 115 सालों का अनुभव है। उन्होंने दावा किया कि इतने वर्षों में रॉयल्टी चोरी, टैक्स चोरी या ओवर प्रोडक्शन का कोई भी मामला उनके खिलाफ सामने नहीं आया।
रॉयल्टी और टैक्स चुकाने का दावा
कंपनियों ने कहा, “हमारी खदानों से जितना भी मटेरियल निकाला गया, उस पर पूरा रॉयल्टी, सेल्स टैक्स और जीएसटी अदा किया गया है। पूर्व में भी इसी तरह के आरोपों पर जांच हुई थी, जिसमें कोर्ट ने सभी आरोपों को निराधार करार दिया था और विभागीय आदेश को रद्द कर दिया था।”
मौके पर नहीं हुआ निरीक्षण
आनंद माइनिंग और निर्मला मिनरल्स ने स्पष्ट रूप से कहा कि “जांच रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम ने कभी भी हमारी किसी खदान का भौतिक निरीक्षण नहीं किया, न ही हमारे किसी प्रतिनिधि से बात की। रिपोर्ट अनुमानित आंकड़ों पर आधारित है, वास्तविक निरीक्षण या तथ्यों की पुष्टि नहीं की गई।”
कंपनियों ने खनिज विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने और सुनवाई का अवसर मांगा है, लेकिन अब तक विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
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कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल
दरअसल, मंगलवार को विधानसभा के प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह और हेमंत कटारे ने अवैध खनन से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि आशुतोष मनु श्रीवास्तव ने जो शिकायत दर्ज कराई थी, उसको लेकर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
प्रश्नकाल के दौरान इस विषय से संबंधित कुल चार प्रश्न रखे गए, जिनमें विजयराघवगढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों का मामला भी शामिल था।
जांच के आधार: उपग्रह डेटा और खनन ब्यूरो की रिपोर्ट
सूत्रों के अनुसार, गठित जांच दल ने भारतीय खनन ब्यूरो (IBM) की रिपोर्ट और उपग्रह डेटा (Satellite Imagery) के आधार पर जांच की। जांच में सामने आया कि कंपनियों द्वारा स्वीकृत सीमा से अधिक खनन किया गया है, जिसे अवैध और नियमों के विरुद्ध माना गया। सरकार ने इस जांच को गंभीरता से लेते हुए वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और इस संबंध में आर्थिक दंड व जीएसटी की गणना भी की जा रही है।