हाइलाइट्स
- झाबुआ में कलेक्टर की कार हादसे के मामले में जांच।
- खनिज अधिकारी जेएस भिड़े की लापरवाही उजागर।
- कलेक्टर ने रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई की अनुशंसा की।
Jhabua Collector Neha Meena Car Accident Case: मध्य प्रदेश के झाबुआ में कलेक्टर नेहा मीना (Jhabua Collector Neha Meena) की कार को तेज रफ्तार डंपर ने टक्कर मार दी थी, इस हादसे में कलेक्टर बाल-बाल बचीं थी, अब इस एक्सीडेंट को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस दुर्घटना के पीछे जिला खनिज अधिकारी जुवान सिंह भिड़े (JS Bhinde) की लापरवाही सामने आई है। अब अधिकारी भिड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।
इस मामले की जांच में सामने आई खनिज अधिकारी भिड़े की लापरवाही ने प्रशासन को झकझोर दिया है। अब इस केस में उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार गई है। भिड़े के निलंबन की सिफारिश संभागायुक्त दीपक सिंह को भेज दी गई है। उन्हें कभी भी सस्पेंड किया जा सकता है। अधिकारी पर अवैध रेत परिवहन, लापरवाह रवैये और ड्यूटी में अनदेखी के गंभीर आरोप हैं।
कलेक्टर की कार को डंपर ने मारी थी टक्कर
दरअसल, कुछ दिन पहले झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना की कार को डंपर ने टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ गई थी। गनीमत रही कि नेहा मीना को कोई नुकसान नहीं हुआ। साथ ही उनका ड्राइवर और सुरक्षा गार्ड भी सुरक्षित हैं, लेकिन कार क्षतिग्रस्त हो गई, मामले में पुलिस ने आरोपी चालक को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया था। डंपर भी जब्त किया था।
बंगले से निकलते ही टक्कर
घटना उस वक्त हुई जब कलेक्टर नेहा मीना 15 अगस्त की तैयारियों को लेकर टीएल मीटिंग के लिए कलेक्टोरेट जा रही थीं। तभी बंगले से निकलते ही एक तेज रफ्तार डंपर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। मामले में पुलिस अधीक्षक पदम विलोचन शुक्ला को तुरंत सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर डंपर चालक को हिरासत में लिया गया। इसके बाद कुछ मिनटों में कलेक्टर मीना ने हिम्मत दिखाते हुई मीटिंग के लिए कलेक्टोरेट पहुंच गई थीं।
हादसे के पीछे खुलासा, डंपर चालक ने खोले राज
कलेक्टर नेहा मीना की कार से टकराने वाले डंपर के चालक ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। चालक ने बताया कि वह अलीराजपुर से रेत लाकर कहीं उतार चुका था और वापस लौट रहा था, जब यह हादसा हुआ। घटना के समय डंपर खाली था, लेकिन उससे जुड़ी जानकारी ने पूरे अवैध रेत कारोबार की परतें खोल दीं।
डंपर रेत कारोबारी शांतिलाल बसेर का है, जिसके कई डंपर झाबुआ और आसपास के क्षेत्रों में बिना वैध रॉयल्टी और दस्तावेजों के रेत का परिवहन करते हैं। चालक ने यह भी बताया कि रणपुर इलाके में अवैध रेत के कई गोदाम बने हुए हैं, जहां से लगातार ऐसे डंपर रेत लेकर आते-जाते रहते हैं।
भिड़े ने नहीं उठाया कलेक्टर का फोन
चालक से मिली इस गंभीर जानकारी के बाद कलेक्टर ने तुरंत खनिज अधिकारी जेएस भिड़े को कार्रवाई के लिए फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इतना ही नहीं, भिड़े निर्धारित समय पर टीएल मीटिंग में भी नहीं पहुंचे, जिससे उनकी लापरवाही और स्पष्ट हो गई। इस रवैये से न सिर्फ हादसे की गंभीरता बढ़ी, बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया कि खनिज विभाग का रवैया अवैध रेत कारोबार पर रोक लगाने को लेकर लचर है।
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देरी से पहुंचे भिड़े, कार्रवाई से किया इनकार
खनिज अधिकारी जेएस भिड़े दोपहर करीब 1 बजे टीएल मीटिंग में पहुंचे, जबकि मीटिंग पहले से निर्धारित थी। सबसे हैरानी की बात यह रही कि उन्होंने देरी का कोई कारण भी नहीं बताया।
कलेक्टर ने जब उन्हें डंपर चालक से मिली अवैध रेत परिवहन की जानकारी के आधार पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा, तो भिड़े ने ना सिर्फ कार्रवाई से इनकार किया, बल्कि यह कहकर मामला टालने की कोशिश की कि “डंपर खाली था, इसलिए कार्रवाई नहीं बनती।”
प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई, उजागर हुआ बड़ा रैकेट
खनिज विभाग की निष्क्रियता को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीएम और तहसीलदार की संयुक्त टीम बनाकर रणपुर में कार्रवाई के निर्देश दिए। टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां कई अवैध डंपर खड़े मिले, रेत से भरा अवैध गोदाम भी मिला। जांच में यह भी सामने आया कि गोदाम आदिवासी की निजी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था।
प्रशासन की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 11 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इतनी गंभीर अनियमितताओं के बावजूद भिड़े और खनिज विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
खनिज विभाग की कार्यशैली की जांच
इस कार्रवाई के बाद कलेक्टर नेहा मीना ने खनिज विभाग की गतिविधियों की गहराई से समीक्षा की और विभाग से संबंधित रिपोर्ट भी तलब की। इसी दौरान पुलिस विभाग की ओर से भी बताया गया कि झाबुआ जिले में लगातार अवैध रेत से भरे डंपर आ-जा रहे हैं, लेकिन इस पर खनिज विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि खनन और रेत परिवहन की कार्रवाई का अधिकार पुलिस के पास नहीं है। जब भी वे खनिज विभाग को अवैध गतिविधियों की जानकारी देते हैं, तब भी विभाग मौन रहता है और कोई ठोस कदम नहीं उठाता।
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भिड़े के आने के बाद से थमी कार्रवाई
इस मामले में खनिज अधिकारी भिड़े पर गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में यह बात भी सामने आई कि जनवरी 2025 में जेएस भिड़े के धार से ट्रांसफर होकर झाबुआ आने के बाद, खनिज विभाग की गतिविधियां लगातार धीमी होती गईं।
अवैध खनन के मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, और रेत माफिया खुलेआम सक्रिय हो गए।
खुद कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, भिड़े अधिकांश समय इंदौर में रहते हैं, वे न तो नियमित रूप से टीएल मीटिंग्स में शामिल होते हैं, और न ही प्रशासनिक आदेशों का पालन करते हैं।
इन सभी गंभीर बिंदुओं को जोड़ते हुए कलेक्टर ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर संभागायुक्त दीपक सिंह को भेजी है, जिसमें भिड़े पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और निलंबन की सिफारिश की गई है।
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