हाइलाइट्स
- बिहार में SIR का पहला ड्राफ्ट जारी हो गया.
- इस पर दावा या आप्ति 1 सितंबर तक की जा सकती है.
- SIR प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जा रही है.
SIR Live Updates: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची का पहला ड्राफ्ट जारी हो गया है। अब आप भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की वेबसाइट पर अपना नाम खोज सकते हैं। जिन भी लोगों को इसके दावा – आपत्ति 1 सितंबर कर सकते हैं।
क्या है SIR और इसका उद्देश्य
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिहीन और अद्यतन बनाना है। इस प्रक्रिया के तहत, मतदाता सूची से मृत, डुप्लीकेट या अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता मताधिकार से वंचित न रहे और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो। SIR प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जा रही है। पहले चरण की गणना 24 जून से 25 जुलाई 2025 तक की गई थी, जिसके बाद आज यह मसौदा सूची प्रकाशित की गई है।
कैसे खोजें अपना नाम?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार के मतदाता अब चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी मसौदा मतदाता सूची में अपना नाम देख सकते हैं। इसके लिए आपको ECI की वेबसाइट पर दिए गए ‘Search in Roll’ या ‘मतदाता सूची में नाम खोजें’ विकल्प का उपयोग करना होगा। आमतौर पर, आप अपना नाम, पिता/पति का नाम, जिला और विधानसभा क्षेत्र जैसी जानकारी भरकर अपना विवरण खोज सकते हैं। राज्य के सभी 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा बिहार के सभी 38 जिलों में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इसकी फिजिकल और डिजिटल कॉपियां भी दी जाएंगी।
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दावा और आपत्ति के लिए एक महीने का समय
यह मसौदा सूची अंतिम नहीं है। चुनाव आयोग ने मतदाताओं और राजनीतिक दलों को इस ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्ति दर्ज करने के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक पूरे एक महीने का समय दिया है।
- यदि किसी पात्र व्यक्ति का नाम सूची में छूट गया है, तो वह अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकता है।
- यदि किसी अपात्र व्यक्ति का नाम सूची में शामिल है, तो उसे हटाने के लिए आपत्ति दर्ज की जा सकती है।
- मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि (जैसे नाम, पता, जन्मतिथि में गलती) को ठीक करने के लिए भी आवेदन किया जा सकता है। दावा-आपत्ति प्राप्त करने और उनके निस्तारण का कार्य 1 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद, 2 सितंबर से निर्वाचन विभाग विशेष कैंप भी लगाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में भाग ले सकें।
सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
SIR प्रक्रिया को लेकर कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने चिंताएं भी व्यक्त की हैं, और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन यह टिप्पणी की है कि अगर ‘सामूहिक रूप से बाहर करने’ की कोई स्थिति आती है तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से बाहर होने की आशंका जताई जा रही है, जिनमें 22 लाख मृत पाए गए हैं और 7 लाख वोटरों के नाम एक से अधिक जगह दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि आधार और EPIC जैसे सरकारी दस्तावेजों को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए स्वीकार किया जाए।
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