हाइलाइट्स
- मध्यप्रदेश में लाड़ली बहनों के नाम पर बड़ा घोटाला।
- लाखों के कैलेंडर का वितरण नहीं, फिर भी भुगतान।
- विधानसभा में कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे ने उठाया मुद्दा।
MP Ladli Behna Yojana Calendar Scam: मध्य प्रदेश की लोकप्रिय और महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के तहत हर महीने पात्र महिलाओं के खाते में 1250 रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। महिलाओं को आर्थिक मदद देने वाली यह लाड़ली बहना योजना हमेशा सुर्खियों में रहती है। ये एकमात्र ऐसी योजना है जिसके तहत किस्त का इंतजार हर महीने प्रदेश की करोड़ों महिलाएं करती हैं। योजना से जुड़े वादों को लेकर सियासी पारा भी हाई रहता है। अब इस योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। यह मामला विधानसभा के मानसूत्र सत्र ने कांग्रेस की महिला विधायक ने जोर शोर उठाया।
लाड़ली बहना योजना में कैलेंडर घोटाला
मध्य प्रदेश में लाड़ली बहनों के नाम पर छपे कैलेंडरों को लेकर बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने लगभग डेढ़ करोड़ कैलेंडर छपवाए थे, लेकिन इनमें से 70 लाख से ज्यादा कैलेंडरों का जिलों में वितरित ही नहीं किया गया। हैरानी की बात यह है कि कैलेंडर वितरित नहीं किए गए, फिर भी 10 लाख 28 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। अब इस मामले को कांग्रेस ने विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया है।
कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे ने उठाया मामला
मामला तब उजागर हुआ जब बालाघाट से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह प्रश्न उठाया कि उनके जिले के लिए भेजे गए कैलेंडर न तो बांटे गए और न ही उपयोग में लाए गए, बावजूद इसके उनका पूरा भुगतान कर दिया गया। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग बालाघाट में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना कैलेंडर वितरण में भारी अनियमितता की गई है।
वितरण नहीं हुआ, फिर कैसे हो गया भुगतान?
विधानसभा में बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने बड़ा सवाल खड़ा किया “जब कैलेंडरों का वितरण हुआ ही नहीं, तो उनका भुगतान किस आधार पर किया गया?” उन्होंने कहा कि यह मामला सीधे-सीधे प्रशासनिक लापरवाही और जनता के पैसों के दुरुपयोग से जुड़ा है। विधायक का आरोप है कि बिना वितरण के बिल पास करना सरकारी धन की बर्बादी है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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मंत्री निर्मला भूरिया ने मानी गड़बड़ी
इस मुद्दे पर कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने विधानसभा में स्वीकार किया कि बालाघाट जिले में छपवाए गए 3,61,832 कैलेंडरों में से 1 लाख 64 हजार कैलेंडरों का वितरण ही नहीं हो सका। यह भी बताया कि बालाघाट में 3 लाख 61 हजार 832 कैलेंडर छपाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस अनियमितता की जांच जारी है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभा में मामला उठने के बाद जब पूरे प्रदेश का आंकलन किया गया तो लगभग सभी जिलों में इसी तरह की स्थिति देखने को मिली। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 52 जिलों के लिए करीब डेढ़ करोड़ कैलेंडर 6.27 रुपए प्रति नग की दर से छपवाए गए थे, जिनमें से लाखों कैलेंडरों का वितरण नहीं हो पाया, फिर भी उनके भुगतान कर दिए गए।
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