CG Naxal Terror Funding ED Action: नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों को अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) का साथ मिलेगा। रायपुर में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब टेरर फंडिंग (Terror Funding) के मामलों में ईडी (ED) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मिलकर संयुक्त अभियान चलाएंगी।
इस अहम बैठक में छत्तीसगढ़ सहित झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जैसे आईजी (IG) और डीआईजी (DIG) स्तर के अफसर शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के स्पेशल डायरेक्टर ऋत्विक रूद्र ने की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य “प्लान ऑफ एक्शन टू नक्सल” पर विचार करना था। इसमें यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि नक्सल गतिविधियों को संचालित करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग हो रही है, और यह फंडिंग शहरी नेटवर्क, लीगल फ्रंट, और ग्रामीण नेटवर्क के माध्यम से हो रही है।
ईडी अब नक्सली नेटवर्क की आर्थिक रीढ़ तोड़ेगी
बैठक में फैसला लिया गया कि ईडी अब टेरर फंडिंग से जुड़े वित्तीय लेन-देन की गहन जांच करेगी। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस विषय पर कहा कि यदि किसी मामले में वित्तीय लेन-देन सामने आता है, तो उसे ट्रैक करना और आवश्यक कार्रवाई करना ईडी की जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि चाहे नक्सली गतिविधियों का अर्बन (Urban Network), लीगल (Legal Front), फाइनेंसियल (Financial Channel) या ग्रामीण (Rural Base) नेटवर्क हो, सभी पर एजेंसियों की नजर है और उस पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
ईडी और एनआईए का संयुक्त एक्शन प्लान तैयार
बैठक में ईडी और एनआईए के अफसरों ने हाल ही में सामने आए टेरर फंडिंग मामलों की जानकारी साझा की और इसे रोकने के लिए संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई गई। इसमें खातों की जांच, संदिग्ध ट्रांजैक्शन की पहचान और वित्तीय सहयोगियों की भूमिका की समीक्षा भी शामिल होगी।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले महीनों में नक्सल फंडिंग नेटवर्क पर कई बड़े एक्शन देखने को मिल सकते हैं, जिनमें संपत्तियों की जब्ती, मनी ट्रेल की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी शामिल है।
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