MP teachers transfer: मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। विभाग ने शिक्षकों के तबादलों के लिए नया ऑनलाइन पोर्टल 3.0 शुरू किया और कहा कि इच्छुक शिक्षक ऑनलाइन आवेदन करें। इस पर 4,503 शिक्षकों ने आवेदन किया। लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि विभाग ने आवेदन से ढाई गुना ज्यादा यानी 11,584 शिक्षकों के तबादले कर डाले।
विधानसभा में खुलासा
राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने जब विधानसभा में स्कूल शिक्षा विभाग से इस मामले पर सवाल पूछा, तो शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जो आंकड़े पेश किए, उसने सबको हैरान कर दिया। कुल 4,503 शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन किए। विभाग ने 11,584 शिक्षकों के ट्रांसफर किए। इनमें 7,976 स्वैच्छिक (वॉलंटरी) और 3,608 प्रशासकीय (एडमिनिस्ट्रेटिव) तबादले शामिल हैं।
पोर्टल बनाने में खर्च हुए पौने 6 करोड़
मंत्री ने बताया कि ट्रांसफर के लिए बनाए गए नए पोर्टल 3.0 को बनाने में 5 करोड़ 70 लाख 80 हजार 250 रुपये खर्च हुए। यह वर्क ऑर्डर 9 सितंबर 2024 को केंद्र सरकार की संस्था निक्सी (NIXI) को दिया गया था। पोर्टल की 5 साल की अवधि तय की गई है। इस पोर्टल पर मध्यांश स्कूल, संकुल, विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर शिक्षकों और अधिकारियों को लॉग-इन एक्सेस दिया गया है। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि इतना महंगा पोर्टल बीच में ही क्रैश हो गया, जिससे कई शिक्षक ऑनलाइन आवेदन ही नहीं कर पाए।
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कांग्रेस के सवाल
विधानसभा में जयवर्धन सिंह ने कहा जब सिर्फ 4,503 शिक्षकों ने आवेदन किया, तो 7,976 स्वैच्छिक तबादले कैसे कर दिए गए? पौने 6 करोड़ का पोर्टल क्यों बनवाया गया, जबकि आजकल फ्री वेबसाइट भी बन जाती हैं? नियम के मुताबिक 10% शिक्षकों के ट्रांसफर हो सकते हैं, लेकिन सिर्फ 4-5% ही हुए क्योंकि पोर्टल क्रैश था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा सरकार ने सिर्फ पैसे बर्बाद किए और शिक्षकों को परेशान किया।
शिक्षा मंत्री का जवाब
मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जवाब में कांग्रेस पर ही निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस के समय में तो कलम चल गई मतलब ट्रांसफर हो गया। हम वो नहीं करते। हमारी सरकार नियमों के दायरे में काम करती है। मंत्री का कहना था कि शिक्षक संवेदनशील पद हैं, बड़ी संख्या में तबादले करने से व्यवस्था प्रभावित होती है। पोर्टल पर प्रशासकीय तबादलों की जानकारी मिलती है, स्वैच्छिक तबादलों की नहीं। ट्रांसफर नीति और मापदंडों के आधार पर ही कार्रवाई हुई।
विवाद जारी
कांग्रेस अब लगातार सवाल उठा रही है कि जब महंगा पोर्टल सही से काम ही नहीं कर रहा था,और आवेदन आए कम, तबादले हुए ज्यादा, तो आखिर मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग किस आधार पर काम कर रहा है? वहीं, मंत्री का कहना है कि सारी प्रक्रिया नियमों के तहत और मापदंडों के अनुसार की गई।
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