Durg Nun Arrest Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग (Durg) में धर्मांतरण (Religious Conversion) के आरोप में गिरफ्तार की गई दो ननों (Nuns) पर बड़ा दावा सामने आया है। जिस महिला की कथित तस्करी (Human Trafficking) को लेकर FIR दर्ज की गई, उसने अंग्रेजी अखबार को बताया कि पुलिस और हिंदू संगठन के सदस्यों ने दबाव बनाकर गलत बयान दिलवाया। महिला का कहना है कि उसने ननों के साथ अपनी मर्जी से यात्रा की थी और वे निर्दोष हैं। यह मामला अब राजनीति का विषय बन चुका है।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके: सुबह 7:31 बजे हिलने लगे घरों के दरवाजे और बर्तन, लोग घबराकर बाहर निकले
बजरंग दल की शिकायत पर दुर्ग स्टेशन से गिरफ्तारी
पिछले दिनों दुर्ग रेलवे स्टेशन (Durg Railway Station) से बजरंग दल (Bajrang Dal) की शिकायत पर नन प्रीति मैरी (Preeti Mary), वंदना फ्रांसिस (Vandana Francis) और सुखमन मंडावी (Sukhman Mandavi) को धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (Chhattisgarh Freedom of Religion Act) और अनैतिक व्यापार अधिनियम (Immoral Trafficking Act) की धाराओं में मामला दर्ज किया।
महिला का दावा- दबाव में दिलवाया गया बयान, पुलिस नहीं सुन रही
जिस महिला के कथित धर्मांतरण का आरोप लगाया गया, उसने इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) को बताया कि उसे ननों के खिलाफ बोलने के लिए धमकाया और पीटा गया। महिला ने आरोप लगाया कि हिंदू संगठन से जुड़ी ज्योति शर्मा (Jyoti Sharma) ने उस पर हमला किया और बयान बदलने का दबाव बनाया।
उसका कहना है कि पुलिस ने बजरंग दल के सदस्यों की बातों के आधार पर FIR दर्ज की, न कि महिला के बयान पर।
महिला ने बताई अपनी मर्जी से यात्रा की बात
महिला ने साफ कहा कि वह अपने माता-पिता की सहमति से ननों के साथ नौकरी की तलाश में जा रही थी। उसे 10,000 रुपये मासिक वेतन, खाना, कपड़े और आवास देने की बात कही गई थी। ननों से वह स्टेशन पर पहली बार मिली थी। उसने कहा, “मैं ननों से पहली बार मिली और मुझे किसी ने जबरन नहीं लाया। पुलिस स्टेशन में भी मैंने यही बात कही थी।”
बजरंग दल के रिक्शा चालक से शुरू हुई कार्रवाई
बजरंग दल के सदस्य ऋषि मिश्रा (Rishi Mishra) ने बताया कि एक रिक्शा चालक ने महिलाओं और ननों की बातचीत सुनी और शक के आधार पर सूचना दी। इसी सूचना पर संगठन के कार्यकर्ता स्टेशन पहुंचे और मामला GRP को सौंपा गया।
डीजीपी ने टिप्पणी करने से इनकार किया
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण गौतम (Arun Gautam) से जब महिला के आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन है और इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
पीड़िता ने कहा- ज्योति शर्मा ने उसे दो बार चेहरे पर मारा
महिला ने दावा किया कि GRP ने उसका कोई बयान दर्ज नहीं किया और सारी कार्रवाई संगठन के लोगों के हवाले की गई जानकारी पर हुई। उसने बताया कि ज्योति शर्मा ने उसे दो बार चेहरे पर मारा और धमकाया कि अगर नहीं मानी तो परिवार को जेल भेज दिया जाएगा।
पढ़ाई 10वीं तक, कमाई 250 रुपये रोज
आदिवासी महिला ने बताया कि वह 10वीं पास है और मजदूरी कर रोज 250 रुपये कमाती है। मंडावी के माध्यम से उसे चर्च के संपर्क में आई ननों के लिए खाना बनाने और मरीजों की देखभाल की नौकरी मिली थी। वह इससे खुश थी और अपने भविष्य के लिए यह कदम उठा रही थी।