Chhattisgarh Monsoon Alert: छत्तीसगढ़ में मानसून ने फिलहाल रुक-रुक कर दस्तक देनी शुरू कर दी है। बीते 48 घंटों में प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। बस्तर (Bastar) और रायपुर (Raipur) संभाग के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो बाकी क्षेत्रों में जोरदार बारिश नहीं हुई। इसके चलते खेतों की नमी घटने लगी है और किसान चिंतित हो उठे हैं।
बिजली गिरने का खतरा, 10 जिलों में यलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने राज्य के 10 जिलों—कबीरधाम (Kabirdham), राजनांदगांव (Rajnandgaon), बालोद (Balod), दुर्ग (Durg), बेमेतरा (Bemetara), धमतरी (Dhamtari), रायपुर (Raipur), बलौदाबाजार (Balodabazar), महासमुंद (Mahasamund) और गरियाबंद (Gariaband) में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इन जिलों के लिए यलो अलर्ट (Yellow Alert) घोषित किया गया है, जिससे सतर्कता जरूरी हो गई है।
बारिश के आंकड़े बता रहे हैं सुस्ती
28 जुलाई तक प्रदेश में 603 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी। 29 जुलाई को यह आंकड़ा 611.5 मिमी और 30 जुलाई को 623 मिमी तक पहुंचा। इसका अर्थ है कि 28 और 30 जुलाई के बीच महज 20 मिमी बारिश हुई है। यानी बारिश की रफ्तार ठहर सी गई है।
31 जुलाई के बाद होगी बारिश में कमी, फिर बदलेगा मौसम
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 31 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता में और गिरावट आएगी। हालांकि राहत की बात यह है कि अगस्त की शुरुआत में फिर से प्रदेश के कई इलाकों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
10 साल में सिर्फ दो बार 400MM से ज्यादा बारिश
इस जुलाई में अब तक कुल 453 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 25 से 29 जुलाई तक अकेले 153 मिमी बारिश हुई। पिछले दस वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो केवल दो बार जुलाई में 400 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि इस बार की जुलाई सामान्य से बेहतर रही, लेकिन बीते कुछ दिनों से रुकी बारिश ने चिंता बढ़ा दी है।
कृषि पर असर और सावधानी की जरूरत
बारिश की इस रफ्तार में गिरावट का सीधा असर खरीफ फसलों पर पड़ सकता है। किसानों को अब उम्मीद है कि अगस्त में बारिश की वापसी होगी। वहीं, यलो अलर्ट वाले जिलों के लोगों से अपील की गई है कि वे खुले में न निकलें और सतर्क रहें।
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