जन्म के समय थे 32 दांत, मुंह से निकला राम, ऐसे थे महाकवि तुलसीदास

आज 31 जुलाई 2025 को महाकवि तुलसीदास की जयंती है।

तुलसीदास का जन्म होते ही उन्होंने राम नाम लिया था। वे 12 महीने गर्भ में रहे और जन्म के समय उनके 32 दांत भी आ चुके थे।

बचपन में उनका नाम रामबोला रखा गया क्योंकि वे हर समय राम नाम जपते रहते थे। बाद में दीक्षा के समय उन्हें तुलसीदास नाम मिला।

एक बार तुलसीदास अपनी पत्नी से मिलने के लिए भारी बारिश में नदी पार करके गए थे।

गुस्से में पत्नी ने कहा कि "लाज न आई आपको, इस हाड़-मांस के शरीर से इतना प्रेम है, यदि भगवान से उतना प्रेम होता तो मुक्ति मिल जाती। इसके बाद तुलसीदास ने घर का त्याग कर दिया था।

कहा जाता है कि तुलसीदास जी को हनुमान जी के साक्षात दर्शन हुए थे। हनुमान जी की कृपा से ही उन्होंने श्रीराम के दर्शन पाए।

महाकवि तुलसीदास ने रामचरितमानस जैसे महाकाव्य रचना संस्कृत में नहीं, आमजन की बोली अवधी में की ताकि हर वर्ग के लोग रामकथा को जान सकें।