NCR Housing Scam: CBI ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एनसीआर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम) में बिल्डरों और बैंकों की मिलीभगत से हुए बड़े घोटाले की जांच के लिए अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इस घोटाले में कई नामी बिल्डरों और बैंकों को आरोपी बनाया गया है।
इन बिल्डरों के नाम FIR में शामिल
CBI ने जिन रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है उनमें जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (Jaypee Sports International Limited), जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates Limited), अजनारा इंडिया लिमिटेड (Ajnara India Limited), वाटिका लिमिटेड (Vatika Limited), जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Limited), सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स (Supertech and Idea Builders) जैसे नाम शामिल हैं।
बैंकों पर भी गिरी गाज
इन केसों में केवल बिल्डर ही नहीं बल्कि कई बड़े बैंक और वित्तीय संस्थाएं भी आरोपी बनाई गई हैं, जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India), इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस (India Bulls Housing Finance, पिरामल फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ISISI Bank), टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस (PNB Housing Finance)।
क्या था मामला?
यह पूरा मामला एक सबवेंशन स्कीम (Subvention Scheme) से जुड़ा है जिसमें घर खरीदने वालों को लोन तो दिया गया, लेकिन लोन की रकम सीधा बिल्डर को दे दी गई। बिल्डर की जिम्मेदारी थी कि वह फ्लैट देने तक EMI खुद भरे। लेकिन जब बिल्डरों ने EMI देना बंद कर दिया और प्रोजेक्ट्स लटक गए, तो बैंक EMI की रकम वापस घर खरीदने वालों से मांगने लगे।
CBI की जांच में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले में दखल दिया, तो CBI को 6 प्राथमिक जांच (preliminary enquiry) को आगे बढ़ाकर 22 मुकदमे दर्ज करने की इजाज़त दे दी। CBI अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है और 58 प्रोजेक्ट साइट्स का दौरा भी कर चुकी है।
कहां-कहां की जांच चल रही है?
CBI की एक और जांच अभी जारी है, जिसमें NCR से बाहर के शहरों – मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और इलाहाबाद – में बने बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स की पड़ताल हो रही है।
क्यों पहुंचे खरीदार कोर्ट?
करीब 1,200 फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि उन्होंने सबवेंशन स्कीम के तहत घर बुक करवाए थे, लेकिन न तो उन्हें घर मिला और न ही EMI से राहत। अब बैंक उन्हें जबरन EMI चुकाने को कह रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 29 को CBI को 5 प्राथमिक जांच शुरू करने की इजाज़त दी थी। सुपरटेक के खिलाफ 799 खरीदारों की 84 याचिकाओं पर भी कोर्ट ने सुनवाई की।
अंत में कोर्ट ने कहा, “हम CBI की सिफारिश को स्वीकार करते हैं, और एजेंसी अब इन मामलों में नियमित केस दर्ज करके कानून के मुताबिक आगे बढ़े।”
CBI को NCR के बाहर वाले प्रोजेक्ट्स की जांच पूरी करने के लिए 6 हफ्तों का समय दिया गया है।
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