Monsoon Tourist Place: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 80-90 किमी दूर मालवा के सुरम्य पर्वतों में बसा नरसिंहगढ़ एक अनछुआ और खूबसूरत ट्रेकिंग और पर्यटन स्थल है। बारिश में इसकी खूबसूरती कश्मीर से कम नहीं। सर्दियों से लेकर मानसून तक यहां की हरियाली, झरने और पहाड़ी किले आपको मंत्रमुग्ध कर देते हैं। अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ये जगह आपके लिए एक दम सही है।
नादिया पानी वॉटरफॉल (Nadia Pani Waterfall )
विंध्याचल पहाड़ियों में छिपा हुआ नादिया पानी झरना एक प्राकृतिक आश्चर्य है, खासकर बारिश के बाद। यह जगह ट्रेकर्स, फोटोग्राफर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक दम परफेक्ट है। ये नरसिंहगढ़ से बाहर जंगल के छोटे ट्रेल्स से निकला ट्रेक है। यहां आने का बेस्ट सीजन मानसून में जुलाई से सितंबर में झरना भरा होता है और आसपास का दृश्य बेहद खूबसूरत लगता है। घने वन, वनस्पति, जंगली पक्षी और पक्षी, और पानी की कल-कल ध्वनि एक शांत लगती है।
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नरसिंहगढ़ किला (Narsinghgarh Fort)
नरसिंहगढ़ किला लगभग 300 साल पुराना किला है। जो राजपूत, मुगल और मालवा वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। ये पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिससे यहां से पूरा शहर नजर आता है। अंदर 304 कमरे, 12 चौक और 64 बरामदे हैं। मानसून के दौरान किले के आसपास लगी हरियाली और भी आकर्षक हो जाती है।
चिदिखोह-नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
यह क्षेत्र 57 वर्ग किमी में फैला हुआ है। और यहां सीतल, झींगा, नीलगाय जैसे जीव-जंतु मिलते हैं। यह आपको 175 से अधिक पक्षी प्रजातियां देखी जा सकती हैं। जैसे मोर, इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर आदि। चिदिखोह झील पैदल ट्रेकर और पक्षी पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है।
प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल
नरसिंहगढ़ में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं जो धार्मिक और स्थापत्य दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण हैं बड़ा महादेव, छोटा महादेव, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, जल मंदिर और हिंगलाज माता मंदिर हैं। हिंगलाज माता का मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध व तीसरा सबसे अधिक स्थापित माना जाता है। तीन मार्गों पर बजरंग बली के मंदिर जैसे हनुमानगढ़ी व कंतोड़रा हनुमान मंदिर मौजूद हैं।
सबसे अच्छा समय
यहां आने का सबसे अच्छा समय मानसून और पोस्ट मानसून यानी जुलाई से दिसंबर तक है। वहीं हरियाली और झरनों के लिए सबसे सुंदर समय सर्दियां यानी अक्टूबर से मार्च तक का है। ये ट्रेक और पक्षी दर्शन के लिए आदर्श मौसम है।
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