हाइलाइट्स
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MP असिस्टेंट प्रोफेसर्स भर्ती 2019
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2019 के बैकलॉग पद 2024 नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल क्यों ?
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MP हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
MP Assistant Professors Bharti 2019: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि उच्च शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए ओबीसी के सहायक प्राध्यापकों के वर्ष 2019 के बैकलॉग पदों को 2024 की नियुक्ति प्रक्रिया में क्यों शामिल किया गया, जबकि 2022 में भी विज्ञापन जारी हुआ था। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने मप्र लोक सेवा आयोग और अन्य से जवाब मांगा है। कोर्ट ने याचिका की एक कॉपी महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को देने के निर्देश भी दिए। मामले पर अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
2019 के 31 बैकलॉग पद शामिल
सागर निवासी लीलाधर लोधी, दीपक सिंह ठाकुर, इंदौर निवासी शुभम चौधरी, प्रेमलता, बालाघाट निवासी खुशबू चौरसिया और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और हितेंद्र गोहलानी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि आयोग ने 30 दिसंबर 2024 को उच्च शिक्षा विभाग में अंग्रेजी विषय में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। इसमें 2019 के पूर्व के अंग्रेजी विषय में ओबीसी वर्ग के कुल 31 बैकलॉग पदों को शामिल किया गया है।
OBC के बैकलॉग पद विज्ञापन में नहीं
हाईकोर्ट में दलील दी गई कि आयोग ने 30 दिसंबर 2022 को अंग्रेजी विषय में सहायक प्राध्यापक के कुल 200 पद विज्ञापित किए थे। उसमें ओबीसी के बैकलॉग पद विज्ञापित नहीं किए गए थे। उसकी नियुक्ति प्रक्रिया अभी जारी है। याचिकाकर्ता उक्त 2022 की भर्ती परिक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन उनको साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके अलावा कई ओबीसी के अभ्यर्थियों को 13 फीसदी में होल्ड भी कर दिया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
हाईकोर्ट में तर्क दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मामलों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बैकलॉग के खाली पद आगामी भर्ती में सिर्फ उसी वर्ग से भरे जाएंगे जिस वर्ग के पद रिक्त हैं। इसके बावजूद आयोग द्वारा 2019 के पहले के रिक्त पदों को 2022 की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया और अवैधानिक तरीके से 2024 में विज्ञापित किए हैं।