Check CIBIL Score on Google Pay: अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपना CIBIL स्कोर जरूर चेक करें। अब इस स्कोर को जानना बेहद आसान हो गया है और इसके लिए किसी अलग ऐप की जरूरत नहीं है।
आपके स्मार्टफोन में सिर्फ Google Pay ऐप होना चाहिए। गूगल पे अब सिर्फ पेमेंट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपकी क्रेडिट से जुड़ी जरूरी जानकारी भी देता है।
क्या है Google Pay पर CIBIL स्कोर चेक करने का फायदा?
Google Pay के जरिए आप पूरी तरह फ्री में सिक्योर तरीके से कुछ ही मिनटों में अपना CIBIL स्कोर चेक कर सकते हैं। यह फीचर बहुत कम लोगों को पता है, लेकिन बेहद काम का है क्योंकि इससे आप अपनी क्रेडिट हेल्थ को ट्रैक कर सकते हैं।
गूगल पे से CIBIL स्कोर कैसे चेक करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड
- Google Pay ऐप खोलें- सबसे पहले अपने मोबाइल में Google Pay ऐप को ओपन करें।
- CIBIL स्कोर ऑप्शन खोजें- ऐप में नीचे स्क्रॉल करें या फिर सर्च बार में “CIBIL Score” टाइप करें।
- फ्री स्कोर चेक करने का विकल्प चुनें- “Check your CIBIL score for free” वाले ऑप्शन पर टैप करें।
- जरूरी जानकारी भरें- पहले बार इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अपना मोबाइल नंबर और PAN कार्ड नंबर दर्ज करना होगा।
- OTP से वेरिफिकेशन करें- जानकारी भरने के बाद मोबाइल पर एक OTP आएगा, जिसे दर्ज करके वेरिफिकेशन पूरा करें।
- स्कोर देखें और डाउनलोड करें- जैसे ही वेरिफिकेशन होता है, आपकी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट और CIBIL स्कोर स्क्रीन पर दिख जाएगा। चाहें तो इसे PDF में डाउनलोड कर के सेव कर सकते हैं।
क्या है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक 3-अंकों की संख्या होती है जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता (creditworthiness) को दर्शाती है। यह स्कोर भारत की एक प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो कंपनी TransUnion CIBIL द्वारा तैयार किया जाता है।
सिबिल स्कोर कितने से कितना हो सकता है
सिबिल स्कोर आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है।
- 300–600: कमजोर स्कोर
- 600–750: औसत स्कोर
- 750–900: अच्छा स्कोर
सिबिल स्कोर क्यों जरूरी है
- लोन अप्रूवल में मददगार: बैंक या NBFC जब आपको लोन देते हैं, तो सबसे पहले सिबिल स्कोर देखते हैं।
- क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी: अच्छे स्कोर से आपको ज्यादा लिमिट वाला कार्ड आसानी से मिल सकता है।
- कम ब्याज दर का लाभ: उच्च स्कोर होने पर बैंक कम ब्याज दर पर लोन देते हैं।
सिबिल स्कोर कैसे बनता है
CIBIL स्कोर बनाने में इन बातों को ध्यान में रखा जाता है
- आपके पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड की पेमेंट हिस्ट्री
- आपकी क्रेडिट लिमिट का कितना इस्तेमाल हो रहा है
- आपके पास कितने टाइप के लोन हैं जैसे होम, पर्सनल या एजुकेशन लोन
क्यों जरूरी है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति की क्रेडिट एलिजिबिलिटी यानी उधार चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। यह स्कोर जितना अच्छा होगा, उतनी ही आसानी से आपको लोन, क्रेडिट कार्ड या दूसरी फाइनेंशियल सर्विस मिल सकती हैं। आइए जानें कि सिबिल स्कोर क्यों जरूरी है:
- लोन अप्रूवल में आसानी: अगर आपका स्कोर 750 या उससे ज्यादा है, तो बैंक या फाइनेंशियल संस्था जल्दी और बिना ज्यादा दस्तावेज़ों के लोन मंजूर कर देती है।
- कम इंटरेस्ट रेट पर लोन: उच्च स्कोर होने पर बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन देते हैं, जिससे EMI का बोझ कम हो जाता है।
- क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ती है: अच्छा सिबिल स्कोर होने पर आपको आसानी से क्रेडिट कार्ड मिल सकता है और लिमिट भी ज्यादा मिलती है।
- क्विक प्रोसेसिंग और ट्रस्ट: फाइनेंशियल कंपनियां उच्च स्कोर वालों पर ज्यादा भरोसा करती हैं, जिससे लोन प्रोसेसिंग तेज होती है।
- रेंटल एग्रीमेंट और जॉब में भी मददगार: कुछ कंपनियां और मकान मालिक आजकल किरायेदार या कर्मचारी की क्रेडिट हिस्ट्री भी चेक करते हैं।
किन लोन के लिए जरूरी है सिबिल स्कोर?
पर्सनल लोन (Personal Loan)
पर्सनल लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है, इसलिए बैंक सबसे पहले सिबिल स्कोर को देखते हैं। 750 से ऊपर का स्कोर होने पर अप्रूवल जल्दी मिलता है।
होम लोन (Home Loan)
घर खरीदने के लिए लिया गया होम लोन आमतौर पर बड़ी रकम में होता है, इसलिए इसमें क्रेडिट स्कोर की जांच जरूरी होती है।
ऑटो लोन (Car/Bike Loan)
गाड़ी खरीदने के लिए लिया गया लोन भी सिबिल स्कोर पर निर्भर करता है। कम स्कोर होने पर ब्याज दर ज्यादा लग सकती है।
एजुकेशन लोन (Education Loan)
छात्रों के लिए पढ़ाई के लिए लिया जाने वाला लोन भी अभिभावक या को-एप्प्लिकेंट के सिबिल स्कोर पर निर्भर होता है।
बिजनेस लोन (Business Loan)
व्यवसाय बढ़ाने या शुरू करने के लिए लिए गए लोन में भी सिबिल स्कोर बहुत मायने रखता है। यह बैंक को आपकी विश्वसनीयता का संकेत देता है।
क्रेडिट कार्ड अप्रूवल
हालांकि यह लोन नहीं है, लेकिन क्रेडिट कार्ड भी एक तरह की क्रेडिट फैसिलिटी है और इसके लिए भी अच्छा सिबिल स्कोर जरूरी होता है।
कम सिबिल स्कोर के नुकसान
1. लोन अप्रूवल में दिक्कत
कम स्कोर होने पर बैंक आपका लोन आवेदन रिजेक्ट कर सकते हैं। विशेष रूप से पर्सनल, होम या ऑटो लोन के लिए यह बड़ी बाधा बनता है।
2. ब्याज दर ज्यादा लगती है
अगर किसी बैंक ने लोन अप्रूव भी कर दिया, तो आपको सामान्य से अधिक ब्याज देना पड़ सकता है। कम सिबिल स्कोर वालों को “हाई रिस्क” ग्राहक माना जाता है।
3. क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल
कम स्कोर होने पर आपको नया क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी हो सकती है, या लिमिट बहुत कम दी जाती है।
4. लोन अमाउंट सीमित हो सकता है
कम स्कोर होने पर बैंक आपको कम रकम का लोन देने में ही सहमत होते हैं, जिससे आपकी जरूरत पूरी नहीं हो पाती।
5. गारंटर की जरूरत पड़ सकती है
कई बार बैंक गारंटी के तौर पर किसी भरोसेमंद व्यक्ति को गारंटर बनाने को कहते हैं, जो आपके लिए एक अतिरिक्त जटिलता है।
6. इमेज खराब होती है
कम CIBIL स्कोर आपकी क्रेडिट इमेज को खराब करता है, जिससे भविष्य में लोन लेने की संभावनाएं और भी कमजोर हो जाती हैं।
FAQs
Q: क्या Google Pay से CIBIL स्कोर बार-बार चेक करने से स्कोर कम होता है?
A: नहीं, जब आप Google Pay या किसी अन्य थर्ड-पार्टी ऐप से अपना CIBIL स्कोर चेक करते हैं, तो यह एक “soft inquiry” होती है, जो आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करती।
Q: Google Pay पर दिखाया गया स्कोर क्या सही और अपडेटेड होता है?
A: हां, Google Pay पर जो स्कोर दिखता है वह TransUnion CIBIL से डायरेक्ट फेच किया जाता है और विश्वसनीय होता है। यह वही स्कोर होता है जिसे बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं भी देखती हैं।
Q: क्या Google Pay से स्कोर चेक करने पर कोई चार्ज लगता है?
A: नहीं, यह सेवा बिल्कुल मुफ्त है। Google Pay किसी भी तरह का शुल्क नहीं लेता।
Q: क्या बिना PAN कार्ड के Google Pay पर CIBIL स्कोर चेक किया जा सकता है?
A: नहीं, PAN कार्ड नंबर देना अनिवार्य है क्योंकि CIBIL स्कोर PAN से लिंक होता है।
Q: CIBIL स्कोर कितने समय में अपडेट होता है?
A: CIBIL स्कोर आमतौर पर 30-45 दिन में अपडेट होता है, यह इस पर निर्भर करता है कि बैंक या फाइनेंशियल संस्था ने रिपोर्टिंग कब की है।
Q: अगर स्कोर कम है तो उसे सुधारने में कितना समय लगता है?
A: स्कोर सुधारने का समय आपकी क्रेडिट हैबिट पर निर्भर करता है, लेकिन नियमित रूप से भुगतान करने और क्रेडिट लिमिट का सही उपयोग करने से 3-6 महीने में सुधार दिखने लगता है।