CG Teachers Coaching Ban: छत्तीसगढ़ के कवर्धा (Kawardha) जिले में सरकारी शिक्षकों (Government Teachers) के लिए अब कोचिंग और ट्यूशन क्लासेस चलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय से इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, जो जिले के सभी स्कूलों में लागू होंगे।
इस आदेश के तहत प्राचार्य (Principals), व्याख्याता (Lecturers), प्रधान पाठक (Head Teachers), शिक्षक (Teachers) और सहायक शिक्षक (Assistant Teachers) भी शामिल हैं।
कोचिंग के नाम पर कमाई, शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन
डीईओ कार्यालय को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई सरकारी शिक्षक, शासकीय स्कूलों में पढ़ाने के बाद प्राइवेट कोचिंग संस्थान (Private Coaching Institutes) या ट्यूशन क्लासेस (Tuition Classes) चला रहे हैं।
डीईओ ने साफ कहा कि यह कार्य सिर्फ आर्थिक लाभ (Financial Benefit) के लिए किया जा रहा है और यह बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (Right to Education Act – RTE) के खिलाफ है। ऐसे संस्थानों में बच्चों से मोटी फीस वसूली जा रही है, जो अस्वीकार्य है।
देखें आदेश-
शिक्षकों की भूमिका पर सवाल, नियमों की अवहेलना
शिक्षकों का यह कदम न केवल सरकारी नौकरी की मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि इससे सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। डीईओ ने कहा कि शिक्षक अगर निजी संस्थानों से जुड़े पाए जाते हैं या स्वयं संस्थान चला रहे हैं, तो उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई (Disciplinary Action) की जाएगी।
शिक्षकों को चेतावनी, अब नहीं मिलेगी छूट
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पहले जिन शिक्षकों को मौखिक रूप से चेताया गया था, वे अब इस आदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यदि किसी शिक्षक के खिलाफ कोचिंग या ट्यूशन से जुड़ी कोई शिकायत मिलती है, तो उसे कठोर दंड (Strict Penalty) भुगतना पड़ेगा।
शिक्षा की शुद्धता बनाए रखना जरूरी: डीईओ
डीईओ ने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी केवल स्कूल तक सीमित रहनी चाहिए, ताकि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा (Quality Education) सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि आदेश का पूरी तरह पालन हो।
यह भी पढ़ें: कोरबा जिले में भारी बारिश के कारण धसा पुराना कुआं: एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, मोटर पंप निकालते समय हुआ हादसा