हाइलाइट्रस
- मध्यप्रदेश में हैं कुल 9 टाइगर रिजर्व एरिया
- MP टाइगर रिजर्व में 785 बाघों से अधिक बाघ
- 5 साल में पहुंचे 8 लाख से अधिक पयर्टक
International Tiger Day: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) अपनी ऐतिहासिक (historical) और सांस्कृतिक विरासतों (cultural heritages)के लिए जितना फेमस है, अब उतना ही ज्यादा टाइगर (Tiger) के लिए अपनी एक अलग पहचान बनकर उभर रहा है। प्रदेश सबसे ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक (domestic and foreign tourists) एमपी के टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve of MP) की ओर रुख कर रहे हैं।
एमपी में कुल 9 टाइगर रिजर्व (MP Tiger Reserve) क्षेत्र हैं, जहां 785 टाइगर (Tiger) दहाड़ रहे हैं। यदि आप टाइगर रिर्जव (MP Tiger Reserve) सफारी में घूमने का बना रहे हैं और करीब से टाइगर को देखना चाहते हैं तो चले आइए एमपी के इन टाइगर रिजर्व (MP Tiger Reserve) एरिया में, जहां टाइगर आसानी से अठखेलियां करते नजर आएंगे।
एमपी के टाइगर रिजर्व्स को जानें
1-बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve)
स्थान: उमरिया
क्षेत्रफल: 448 वर्ग किमी
घोषणा: साल 1968
आसान पहुंच: जबलपुर से नजदीक।
वन्य प्रजातियां: रॉयल बंगाल टाइगर, स्तनधारी, सरीसृप, पक्षियों की प्रजातियां हैं।
2-कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve)
स्थान: मंडला और बालाघाट
क्षेत्रफल: 940 वर्ग किमी
घोषणा: साल 1973
आसान पहुंच: मंडला से 30 किमी और बालाघाट 80 किमी पास हैं।
वन्य प्रजातियां: बाघ, भारतीय तेंदुए, चार सींग वाले मृग पाए जाते हैं।
पहचान: साल 1955 में इसे राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया।
इतिहास: कान्हा रिजर्व हॉलन और बंजार वन्यजीव अभयारण्यों में बंटा हुआ है।
3-रातापानी टाइगर रिजर्व (Ratapani Tiger Reserve)
स्थान: रायसेन और सीहोर
क्षेत्रफल: 823 वर्ग किलोमीटर
आसान पहुंच: भोपाल 55 किमी दूरी पर है।
घोषणा: 1976 से एक वन्यजीव अभयारण्य है।
पहचान: विंध्य पर्वत श्रृंखला में गहरी घाटियां और पठार हैं।
वन्य प्रजातियां: बंगाल टाइगर, तेंदुए, धारीदार लकड़बग्घे, सुस्त भालू और कई तरह के हिरण पाए जाते हैं।
इतिहास: यह प्रागैतिहासिक भीमबेटका शैलाश्रयों (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) का भी घर है। कोलार बांध और बार्ना जलाशय प्रमुख जल निकाय हैं।
4-पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve)
स्थान: सिवनी
कोर एरिया: 411.33 वर्ग किमी
बफर एरिया: 768.3 वर्ग किमी
घोषणा: साल 1992
आसान पहुंच: सिवनी, छिंदवाड़ा, जबलपुर और नागपुर नजदीक हैं।
वन्य प्रजातियां: रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, धारीदार लकड़बग्घे, जंगली कुत्ते (ढोल) हैं।
पहचान: पेंच अभयारण्य साल 1977 और पेंच राष्ट्रीय उद्यान साल 1983 मिलकर बना।
इतिहास: यह रिजर्व मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में फैला हुआ है
5-पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve)
स्थान: पन्ना
आसान पहुंच: पन्ना से नजदीक
वन्य प्रजातियां: बाघ, तेंदुए, मगरमच्छ, जंगली सूअर और ढेरों पक्षी प्रजातियां हैं। बाघिन टी-141 यहां की एक जानी-मानी बाघिन है।
पहचान: रिजर्व जंगलों और पठारों के खूबसूरत नजारों के लिए जाना जाता है।
इतिहास: शानदार झरनों के लिए भी मशहूर है।
6-सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve)
स्थान: नर्मदापुरम
क्षेत्रफल: 524 वर्ग किमी
घोषणा: साल 1981
वन्य प्रजातियां: बाघ, तेंदुए, भालू, ढोल, चित्तीदार हिरण, सांभर, भौंकने वाला हिरण, काला हिरण हैं।
पहचान: इस टाइगर रिजर्व का नाम सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है।
7-संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व (Sanjay-Dubri Tiger Reserve)
स्थान: सीधी और सिंगरौली
कोर एरिया: 812 वर्ग किमी
बफर जोन: 861 वर्ग किमी
घोषणा: साल 2008
आसान पहुंच: सीधी से 35 किमी और सिंगरौली से 60 किमी दूरी पर हैं।
वन्य प्रजातियां: बंगाल टाइगर के साथ-साथ तेंदुए, धारीदार लकड़बग्घे, भालू और भारतीय भेड़िये
पहचान:डुबरी और बस्तुआ गेट मुख्य रास्ता हैं।
इतिहास: संजय राष्ट्रीय उद्यान और दुबरी वन्यजीव अभयारण्य मिलकर बना।
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8-वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (Veerangana Durgavati Tiger Reserve)
स्थान: दमोह और सागर
कोर एरिया: 1,414 वर्ग किमी
बफर जोन: 925 वर्ग किलोमीटर है
घोषणा: साल 2023
आसान पहुंच: दमोह से 50 किमी और सागर से 60 किमी दूरी पर है।
वन्य प्रजातियां:बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, एशियाई जंगली कुत्ते, चिंकारा और दलदली मगरमच्छ हैं।
पहचान: नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य में फैला।
इतिहास: वीर गोंड योद्धा रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है।
9-माधव टाइगर रिजर्व (Madhav Tiger Reserve)
स्थान: शिवपुरी
क्षेत्रफल: 354 वर्ग किलोमीटर
घोषणा: साल 2022
आसान पहुंच: शिवपुरी से 10 किमी दूरी पर है।
वन्य प्रजातियां: बंगाल टाइगर, भारतीय गजेल्स (चिंकारा), सांभर हिरण और मगरमच्छ देखे जा सकते हैं।
पहचान: पहले माधव राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था।
इतिहास: सिंधिया राजघराने के शिकारगाह का हिस्सा था।
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आगे क्या ?
1 अक्टूबर से खुलेंगे टाइगर रिजर्व
मानसून के कारण, राज्य के सभी संरक्षित क्षेत्रों में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पर्यटन बंद रहेगा। ब्रीडिंग सीजन के साथ बारिश में खराब रास्तों और सुरक्षा जोखिमों के चलते 1 अक्टूबर से ही पर्यटन फिर से शुरू होगा।
10% ज्यादा लगेगा प्रवेश शुल्क
1 अक्टूबर से राष्ट्रीय उद्यानों और टाइगर रिजर्व का प्रवेश शुल्क 10% बढ़ जाएगा। यह फैसला 22 अक्टूबर 2024 को जारी एक अधिसूचना के आधार पर लिया गया है, जिसे 2025-26 से प्रभावी से लागू किया गया है। प्रवेश टिकट की बुकिंग एमपी ऑनलाइन के माध्यम से की जाएगी।