Rahul Gandhi on Nun Arrest: राज्यसभा और लोकसभा के विपक्षी सांसदों (UDF & Congress Protest) ने छत्तीसगढ़ की दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के आधार पर निशाना बनाए जाने के आरोप पर तत्काल रिहाई की मांग संसद में उठाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे भाजपा-आरएसएस का सुनियोजित ‘भीड़ नियम’ बताया है।
धार्मिक स्वतंत्रता संवैधानिक अधिकार- राहुल का आरोप
राहुल गांधी (Religious Freedom India) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ननों के खिलाफ कार्रवाई उनकी धार्मिक आस्था के चलते की गई और यह बुनियादी संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने दोनों ननों की तत्काल रिहाई और अन्याय के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की।
यूडीएफ सांसदों का संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, RSP के एन.के. प्रेमचंद्रन और IUML के E.T. मोहम्मद बशीर सहित यूडीएफ सांसदों (UDF MPs Protest Parliament) ने संसद परिसर में ‘अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करो’ के पोस्टर के साथ विरोध किया और ननों की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ननों पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप
जीआरपी पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत (Bajrang Dal Allegation) पर की गई, जिसमें आरोप था कि गिरफ्तार ननें तीन युवतियों का धर्मांतरण कर उन्हें आगरा ले जा रही थीं। दोनों ननों सहित एक अन्य व्यक्ति को इस संबंध में गिरफ्तार किया गया है।
धर्मांतरण नहीं उत्पीड़न है मामला
श्री वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि यह घटना भाजपा-आरएसएस तंत्र (BJP-RSS environment) की धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपराधी समझने वाली मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऐसे उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं और सरकार को तुरंत बीच में आकर कार्रवाई करनी चाहिए।
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गृह मंत्री को लिखे गए पत्र
राहुल गांधी और यूडीएफ सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ तेज कार्रवाई और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का आग्रह किया। इस घटना को भाजपा-शासित राज्यों में बढ़ते अल्पसंख्यक उत्पीड़न का प्रतीक बताया गया है।
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