MP 27 Percent OBC Reservation: मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर निर्णायक आंदोलन तेज हो गया है। ओबीसी महासभा ने 27% आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को राजधानी भोपाल में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ओबीसी महासभा के सदस्यों ने मांग मुख्यमंत्री निवास घेरने की कोशिश की। तेज बारिश के बीच कार्यकर्ता सड़कों पर डटे रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रंगमहल टॉकीज के पास ही रोक दिया।
इस दौरान महासभा और पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार को जल्द कदम उठाने की चेतावनी दी। महासभा ने कहा है कि जबतक आरक्षण लागू नहीं होता, तब तक आंदोलन शांत नहीं होगा। इधर, ओबीसी महासभा को कांग्रेस का समर्थन मिला है। प्रदर्शन के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार भी पहुंचे और बीजेपी सरकार पर हमला बोला।
ओबीसी महासभा का हल्लाबोल
ओबीसी महासभा ने पिछले सप्ताह ही हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सरकार को अल्टीमेटम दिया था। अब आज 28 जुलाई को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे। तेज बारिश के बीच कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ। उन्होंने जवाहर चौक से नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन रंगमहल टॉकीज के पास तैनात भारी पुलिस बल ने बैरिकेड लगा कर उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्तां के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
ओबीसी वर्ग की आवाज को दबाने के लिए सरकार ने भारी पुलिस बल तैनात किया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासनिक दमन का सहारा लिया गया, ताकि ओबीसी समाज की आवाज बाहर न आ सके।"#obc_13_प्रतिशत_पद_अनहोल्ड_करे_सरकार pic.twitter.com/wq49LYRBu5
— Umang Singhar (@UmangSinghar) July 28, 2025
27% आरक्षण जल्द लागू करने की मांग
रंगमहल पर महासभा के पदाधिकारियों ने पुलिस व अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 27% आरक्षण जल्द लागू करने और होल्ड पदों की नियुक्ति की मांग की गई। महासभा के नेताओं का कहना है कि 1990 के दशक में 27 फीसदी आरक्षण लागू करने की घोषणा हुई थी, लेकिन आज तक यह पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। नेताओं ने इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया। प्रदर्शन से पहले दोपहर में जवाहर चौक पर महासभा की एक सभा आयोजित की जाएगी, जहां आगामी रणनीति साझा की जाएगी।
27 फीसदी आरक्षण अभी तक अधूरा
ओबीसी महासभा के वरिष्ठ सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने 13 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर होल्ड लगाकर अन्याय किया है, जिससे बड़ी संख्या में योग्य अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। उन्होंने इसे न केवल संविधान की भावना के खिलाफ बताया, बल्कि इसे सामाजिक न्याय का सीधा उल्लंघन भी करार दिया।
कुशवाह ने कहा कि सरकार ने रोजगार देने के नाम पर सत्ता हासिल की, लेकिन अब युवाओं की बेरोजगारी को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी गई थी, कि यदि आरक्षण पर लगी रोक नहीं हटाई गई, तो बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।
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हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार की लापरवाही
प्रवक्ता एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, फिर भी सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही। यह सरकार की संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने उठाए सवाल
ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश लोधी ने सवाल उठाया कि सरकार ने 7 फीसदी अपर कास्ट को 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे दिया, लेकिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने से क्यों पीछे हट रही है। उन्होंने तत्काल इसका पालन करने की मांग की।
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