Ambikapur UPI Bribe Case: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से रिश्वत का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मणिपुर थाने में पदस्थ नगर सैनिक पर घूस लेने का आरोप लगा है। एक न्यूरो सर्जन डॉक्टर ने आरोप लगाया कि एफआईआर कराने, जांच और दस्तावेज तैयार करने के नाम पर उसने उसने यूपीआई के जरिए पैसे लिया हैं।
नगर सैनिक सस्पेंड, एएसआई लाइन अटैच
शिकायत के बाद सरगुजा आईजी ने नगर सैनिक को सस्पेंड और जांच अधिकारी एएसआई को लाइन अटैच कर दिया है। मामले की जांच जारी है।
जानें क्या है मामला ?
जानकारी के अनुसार, डॉ. शिवा राम पहले अंबिकापुर के जीवन ज्योति अस्पताल में न्यूरो सर्जन के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर मानदेय न देने का आरोप लगाया और मणिपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अब डॉ. शिवा राम अस्पताल छोड़कर अपना निजी क्लिनिक चला रहे हैं। इस शिकायत की जांच ASI धीरज गुप्ता कर रहे थे और नगर सैनिक ओपी दुबे भी इसमें शामिल था।
UPI के जरिए ली रिश्वत, शिकायत आईजी से
डॉ. शिवा राम की शिकायत पर मणिपुर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जेजे हॉस्पिटल प्रबंधन के भी बयान दर्ज किए हैं। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में बताया कि इसमें पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके चलते 23 जुलाई को मणिपुर थाने से फैना काटकर डॉक्टर को सौंप दिया गया।
इसके बाद डा. शिवा राम ने आईजी ऑफिस में 25 जुलाई को शिकायत की और बताया कि एफआईआर दर्ज कराने के बदले उनसे जांच अधिकारी ASI धीरज गुप्ता और नगर सैनिक ओपी दुबे ने पैसों की मांग की थी।
इसमें 10,000 रुपए थाना प्रभारी के नाम पर, 8,000 रुपए एएसआई के नाम पर और 5,000 रुपए अन्य खर्च के नाम पर मांगे गए। डॉक्टर ने बताया कि यह राशि नगर सैनिक ओपी दुबे ने यूपीआई के जरिए ली थी। डॉक्टर ने यूपीआई ट्रांजैक्शन की डिटेल भी शिकायत के साथ आईजी को सौंपी।
आईजी ने नगर सैनिक को सस्पेंड व ASI को लाइन अटैच किया
सरगुजा रेंज के आईजी दीपक कुमार झा ने मामले को गंभीरता से लिया और नगर सैनिक ओपी दुबे को सस्पेंड कर दिया। साथ ही जांच अधिकारी एएसआई धीरज गुप्ता को लाइन अटैच कर दिया।
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FIR दर्ज नहीं, आदेश में FIR क्रमांक
डॉ. शिवा राम की शिकायत पर मणिपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, जबकि आईजी के आदेश में अपराध क्रमांक 222/2025 धारा 331(4), 305(ए) बीएनएस की जांच के लिए रिश्वत मांगे जाने का जिक्र है। जबकि मणिपुर थाने में अभी तक केवल क्रमांक 206/2025 तक ही केस दर्ज हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आईजी के आदेश पर दोनों पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटाया गया है और मामले की जांच जारी है।
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