हाइलाइट्स
- RTE के तहत दाखिला न देने पर स्कूलों पर FIR
- डीएम लखनऊ ने नामी स्कूलों की मान्यता रद्द की
- भिखारी बच्चों के लिए शिक्षा अभियान शुरू
रिपोर्ट – आलोक राय
Lucknow DM Order Regarding Private Schools: राजधानी लखनऊ में गरीब और वंचित बच्चों को फ्री शिक्षा दिलाने को लेकर डीएम सूर्यपाल गंगवार की सख्ती लगातार जारी है। RTE अधिनियम 2009 (Right to Education Act 2009) की धारा 12(1)(ग) के अंतर्गत गरीब और कमजोर तबके के बच्चे को दाखिला न देने वाले स्कूलों पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।
नामी स्कूलों पर FIR और मान्यता रद्द करने की कार्रवाई
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) की 15 शाखाएं, बाल गाइड स्कूल और जीडी गोयनका स्कूल जैसे बड़े प्राइवेट स्कूलों को चिन्हित किया गया है। इन पर एफआईआर दर्ज कराने और मान्यता रद्द करने की सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
डीएम लखनऊ ने निर्देश दिए कि:
जो स्कूल RTE के तहत दाखिला नहीं दे रहे हैं, उनके प्रधानाचार्यों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की जाए।
ऐसे सभी स्कूलों की मान्यता के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) वापस लेने की कार्यवाही हो।
जिन बच्चों को अब तक दाखिला नहीं मिला, उनकी सूची तैयार कर आज ही रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
भीख मांगने वाले बच्चों के लिए विशेष अभियान
डीएम लखनऊ ने निर्देश दिए कि भीख मांगने वाले मजबूर बच्चों को चिह्नित कर खंड शिक्षा अधिकारी और खंड विकास अधिकारी की संयुक्त टीम उन्हें उनके पास के सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाए। दाखिले के बाद यह सुनिश्चित किया जाए कि वे नियमित रूप से स्कूल आएं और पढ़ाई करें।
D.M. की चेतावनी के बावजूद स्कूलों की मनमानी जारी
आरटीई अधिनियम (Right to Education Act 2009) के तहत हर निजी स्कूल को 25% सीटें जरूरतमंद वर्ग के लिए आरक्षित करनी होती हैं, लेकिन लखनऊ के कई नामी स्कूल अब भी इस आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। डीएम की सख्ती के बावजूद बच्चों को न दाखिला दिया जा रहा है, न ही नियमों का पालन हो रहा है।
RTE कानून लागू करने में प्रशासन की सक्रियता
डीएम सूर्यपाल गंगवार के नेतृत्व में लखनऊ प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फ्री शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है, और इसे देने से इनकार करने वाले स्कूलों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक सख्त संदेश है।
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