CG Elephant Attack: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ (Raigarh) और जशपुर (Jashpur) जिलों में मादा हाथी (Female Elephant) और उसके शावक (Calf) का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते पांच दिनों से यह हाथी अलग-अलग गांवों में घुसकर तबाही मचा रही है। शुक्रवार सुबह रायगढ़ जिले के बालाझार (Balazhar) गांव में दो ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला गया।
वन विभाग की पुष्टि के अनुसार, पिछले पांच दिनों में हाथी ने 6 लोगों की जान ले ली है, जिनमें से 4 की मौत रायगढ़ में और 2 की मौत जशपुर में हुई है।
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सरकारी स्कूल के पास वन विभाग की टीम पर हमला
पत्थलगांव (Pathalgaon) क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के पास शुक्रवार को हाथी ने वन विभाग की टीम और वाहन पर भी हमला कर दिया। स्कूल में मौजूद बच्चों ने छत पर चढ़कर जान बचाई, जबकि वाहन चालक समेत तीन लोग किसी तरह मौके से भागकर बच निकले। हमले में वन विभाग की स्कॉर्पियो (Scorpio Vehicle) पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
ग्रामीणों में डर का माहौल, दिन-रात पसरा सन्नाटा
लगातार हो रही मौतों के कारण स्थानीय ग्रामीण बेहद डर में हैं। धर्मजयगढ़ (Dharamjaigarh), बालाझार, सिलफोरी, और नवाटोली जैसे गांवों में दिन-रात सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग खेतों और बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है।
वन विभाग की मुसीबतें बढ़ीं, रेस्क्यू टीम तैनात
वन विभाग ने हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए विशेष रेस्क्यू टीम तैनात की है, लेकिन मादा होने के कारण वह अपने शावक को छोड़कर आगे नहीं बढ़ रही है। यही वजह है कि वह बार-बार आबादी वाले इलाकों में लौट आती है। विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और रात के समय बाहर न निकलने की अपील की है।
इंसानी बस्तियों में हाथियों की आमद बन रही खतरा
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-Wildlife Conflict) अब गंभीर रूप ले चुका है। जंगलों की कटाई और खेती-बाड़ी के विस्तार ने हाथियों के पारंपरिक रास्तों को खत्म कर दिया है, जिससे वे अब इंसानी बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं।
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