Chhattisgarh Government Employees Rule: छत्तीसगढ़ शासन (Chhattisgarh Government) ने सरकारी कर्मचारियों के लिए वित्तीय लेन-देन और निवेश को लेकर सख्त नियम लागू कर दिए हैं। हाल ही में जारी अधिसूचना के तहत अब शेयर (Shares), प्रतिभूतियाँ (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) और म्युचुअल फण्ड्स (Mutual Funds) को सरकारी कर्मचारियों की चल संपत्ति (Movable Assets) की श्रेणी में गिना जाएगा।
इस संशोधन (Chhattisgarh Government Employees Rule) के बाद यदि कोई कर्मचारी स्वयं या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम पर इन निवेश माध्यमों में लेन-देन करता है, तो उन्हें नियत प्राधिकारी को जानकारी देना आवश्यक होगा, विशेषकर जब लेन-देन की राशि दो माह या छह माह के मूल वेतन से अधिक हो।
आचरण नियमों में संशोधन, निवेश को लेकर पारदर्शिता अनिवार्य
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 (Chhattisgarh Civil Services Conduct Rules 1965) के नियम 19 में किए गए संशोधन के तहत उप-नियम (5) में नया उप खंड जोड़ा गया है। इसके अनुसार, शेयर, डिबेंचर्स और म्युचुअल फंड जैसे निवेश अब स्पष्ट रूप से चल संपत्ति की परिभाषा में शामिल होंगे।
यदि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में छह माह के मूल वेतन से अधिक का निवेश (Investment in shares and securities) किया जाता है, तो उसे निर्धारित प्रोफार्मा में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है।
इंट्राडे, फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग पर रोक
इसके पहले, 1 जुलाई को जारी अधिसूचना में छत्तीसगढ़ शासन ने इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading), बीटीएसटी (BTST), फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। नए नियमों के अनुसार, इन प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) की जा सकती है।
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सरकारी सेवा में वित्तीय पारदर्शिता शासन का उद्देश्य
यह फैसला (Chhattisgarh Government Employees Rule) राज्य शासन द्वारा सरकारी सेवा में वित्तीय पारदर्शिता (Financial Transparency in Government Service) बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है। यह नियम कर्मचारियों को अनावश्यक जोखिम वाले निवेश और बार-बार की ट्रेडिंग (Frequent Stock Trading by Govt Employees) से रोकने का प्रयास है, जिससे किसी भी प्रकार का हितों का टकराव या भ्रष्टाचार की संभावना कम की जा सके।
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