हाइलाइट्स
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भोपाल में बनेगा AI रेडी डेटा सेंटर
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मध्यप्रदेश कैबिनेट ने दी मंजूरी
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AI डेटा सेंटर से भोपाल को कई फायदे
AI Ready Data Center: कमाल का भोपाल अभियान में AI रेडी डेटा सेंटर को मध्यप्रदेश कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। डेटा सेंटर स्पेन की इनोवेटिव टेक कंपनी सबमर टेक्नोलॉजीज के सहयोग से भोपाल में बनाया जाएगा। ये डेटा सेंटर अत्याधुनिक इमर्शन कूलिंग तकनीक के जरिए ग्रीन एनर्जी और वॉटर सेविंग में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम होगा। इस AI डेटा सेंटर से भोपाल शहर को क्या-क्या फायदे होंगे और ये क्यों जरूरी है।
AI इन्फ्रास्ट्रक्चर क्या है ?
आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ही सबसे बड़ा विकास इंजन है, चाहे वह स्मार्ट शहर हों, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, सुरक्षा या कारोबार। लेकिन AI को चलाने के लिए सिर्फ ऐप या इंटरनेट नहीं चाहिए, चाहिए ‘कंप्यूट पावर’, यानी सुपरफास्ट डेटा प्रोसेस करने वाले आधुनिक डेटा सेंटर्स।
डेटा सेंटर = कंप्यूट पावर = AI इंजन
डेटा सेंटर का काम क्या होता है ?
जिस तरह बिजली को चलाने के लिए पावर प्लांट चाहिए, उसी तरह AI को चलाने के लिए GPU आधारित हाई-परफॉर्मेंस डेटा सेंटर चाहिए।
AI डेटा सेंटर के फायदे क्या हैं ?
AI Compute का इंजन
यह सेंटर लाखों जीपीयू प्रोसेसरों को होस्ट करने की क्षमता रखेगा जो मशीन लर्निंग, आईओटी, गवर्नेंस डेटा, हेल्थ, स्मार्ट सिटी और साइबर सिक्योरिटी में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएगा।
ग्रीन टेक इंफ्रास्ट्रक्चर
Submer की तकनीक से 45% तक बिजली की बचत और 90% जल संरक्षण संभव होगा यह भारत के सबसे क्लीन और ग्रीन डेटा इन्फ्रा में से एक बनेगा।
रोजगार, प्रशिक्षण और निवेश
मध्यप्रदेश सरकार और सबमर टेक्नोलॉजीज के बीच हुए MOU में स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग देने, टेक्निकल संस्थानों को जोड़ने और इंटरनेशनल टेक इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने का विजन भी शामिल है।
भोपाल की नई पहचान
अब राजधानी प्रशासनिक और AI युग की इंजन सिटी के रूप में उभरेगी जहां पावर, कंप्यूट और क्लीन डेटा इंफ्रा का संगम होगा। भोपाल में प्रस्तावित डेटा सेंटर कोई सामान्य सर्वर रूम नहीं, यह भविष्य की बुनियाद है।
AI डेटा सेंटर के लिए भोपाल को ही क्यों चुना गया ?
ऊर्जा उपलब्धता – कर्क रेखा पर स्थित, सौर ऊर्जा के लिए अनुकूल
सुरक्षित और स्थिर राजधानी – लॉन्ग टर्म इन्फ्रा इन्वेस्टमेंट के लिए भरोसेमंद
शैक्षणिक और तकनीकी पूंजी – IIFM, MANIT, IISER जैसे संस्थान
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रंग ला रही क्रेडाई की पहल
Kamaal Ka Bhopal जैसी क्रेडाई की नागरिक पहल ने पहले ही राज्य को AI लाइटहाउस की दिशा दी है। ये निर्णय मध्यप्रदेश को AI सुपर पावर राज्यों की दौड़ में अग्रणी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस फैसले से ये साफ होता है कि ‘कमाल का भोपाल’ राज्य की डिजिटल महत्वाकांक्षा का ठोस रोडमैप है। क्रेडाई भोपाल द्वारा बीते वर्ष एआई लाइटहाउस, लॉजिस्टिक हब, स्मार्ट इंडस्ट्रीज और डेटा इंफ्रा पर राज्य सरकार से की गई निरंतर पहल अब रंग ला रही है।
आगे का प्लान क्या है ?
सबमर टेक्नोलॉजीज की टेक्निकल टीम शीघ्र ही राज्य में साइट विजिट करेगी और निर्माण प्रारंभ होगा।
मप्र इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन और नगरीय प्रशासन विभाग नीति समर्थन, भूमि आवंटन और इन्वेस्टर क्लियरेंस में तेजी लाएंगे।
यह इंफ्रास्ट्रक्चर आगे चलकर भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की स्मार्ट सिटी प्लानिंग में भी मूल स्तंभ बनेगा।
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