हाइलाइट्स
- बंगाल की खाड़ी में निम्न अवदाब क्षेत्र सक्रिय
- वर्तमान तापमान और आगामी पूर्वानुमान
- कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट
UP Weather News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जल्द ही भारी बारिश (Heavy Rainfall) होने की संभावना है, जिससे भीषण गर्मी और उमस से राहत मिलेगी। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए लेटेस्ट अपडेट (Latest Update) जारी किया है, जिसमें कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) भी शामिल है मौसम विभाग ने सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मुरादाबाद जैसे जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां भारी बारिश की प्रबल संभावना है। इसके अलावा, बागपत, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, बरेली और आसपास के इलाकों में भी अधिक वर्षा के आसार हैं। यह मॉनसून (Monsoon) की सक्रियता का संकेत है।
बंगाल की खाड़ी में निम्न अवदाब क्षेत्र सक्रिय
पिछले कुछ दिनों से रूठे हुए बादल अब ताजनगरी आगरा पर भी मेहरबान हो सकते हैं। बंगाल की खाड़ी में एक निम्न अवदाब क्षेत्र (Low Pressure Area) विकसित हो रहा है, जो धीरे-धीरे आगरा की ओर बढ़ेगा। इसके प्रभाव से 24 जुलाई से आगरा में भी अच्छी बारिश (Rain) होने की उम्मीद है। शहर में सोमवार को दिनभर बादल छाए रहे, लेकिन धूप निकलने के कारण उमस अधिक बनी रही, जिससे शहरवासी बेहाल नजर आए।
चार्ट में देखें क्या कहता है मौसम विभाग
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वर्तमान तापमान और आगामी पूर्वानुमान
सोमवार को अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से अधिकतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस कम और न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। रविवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विज्ञानी मो. दानिश ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों में अच्छी वर्षा के आसार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तापमान में अभी अधिक बदलाव देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन बारिश से उमस कम होने की उम्मीद है।
आज इन जिलों में वज्रपात की आशंका
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आज सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों में वज्रपात (Lightning) की आशंका है। नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
आंकड़ों के जरिए जानें कहां कम, कहां ज्यादा बरसा पानी
रैंक | जिला | अनुमानित वर्षा (इंच में) | टिप्पणियाँ |
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1 | बहराइच | 14.2 | सबसे अधिक वर्षा वाला जिला, सक्रिय मानसून |
2 | लखनऊ | 12.4 | अच्छी वर्षा, अगले सप्ताह और तेज़ हो सकती है |
3 | बाराबंकी | 11.8 | बादल और शाम को हल्की बूंदाबांदी |
4 | कानपुर | 11.0 | औसत से ऊपर वर्षा, अब थोड़ी गर्मी |
5 | बस्ती | 10.2 | छिटपुट वर्षा जारी |
6 | वाराणसी | 10.1 | मानसून की धीरे-धीरे सक्रियता |
7 | गोरखपुर | 10.5 | कुछ स्थानों पर वर्षा, अगले सप्ताह बढ़ेगी |
8 | देवरिया | 9.8 | हल्की वर्षा |
9 | प्रयागराज | 9.5 | मानसून अभी कमजोर |
10 | आगरा | 8.7 | गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें |
क्यों धीमी पड़ी मॉनसून की रफ्तार
मानसून की मुख्य ट्रफ लाइन जो उत्तर भारत में अच्छी बारिश लाती है, वह पिछले कुछ दिनों से उत्तर दिशा की ओर शिफ्ट हो गई है। इससे यूपी के अधिकांश हिस्सों में वर्षा रुक-सी गई है।मानसून की वर्षा का बड़ा स्रोत बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त हवाएं होती हैं। अभी इन हवाओं की गति और नमी दोनों कम हो गई हैं, जिससे मानसूनी बादल कमजोर हो गए।
प्रदेश में कोई सक्रिय ‘लो प्रेशर सिस्टम’ या ‘डिप्रेशन’ नहीं बना है, जिससे भारी बारिश की स्थितियाँ नहीं बन रही हैं। बादल छंटने और तेज़ धूप के कारण जमीन की ऊपरी परत गर्म हो रही है, जिससे उमस तो बनी हुई है लेकिन वर्षा के लिए जरूरी आर्द्रता ऊपर नहीं पहुंच पा रही।
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300 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में
श्रेणी | संख्या (अनुमानित) | विवरण / संदर्भ |
---|---|---|
बाढ़ से प्रभावित गांव | 300+ | प्रदेश में 300+ से अधिक गांव की संख्या है जो बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके साथ ही 50 से 100 ऐसी है जो इस मॉनसून में बह गए थे। |
प्लान्ड (बहाने वाले) गांव | ~50–100 | प्रभावित गांवों में से लगभग 15–30% (यानी करीब 50 से 100 गांव) ऐसे हैं जो पानी की तेज़ धाराओं या नदी‑बाढ़ की वजह से बह गए। यह अनुमान पिछले दिनों की घटनाओं और देशभर के बाढ़-ट्रेंड के आधार पर है। |
अच्छी बारिश कब तक होगी?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2-3 दिनों में (22 से 24 जुलाई) से एक बार फिर मॉनसूनी गतिविधियाँ तेज होंगी। 20 से 25 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश शुरू होने की संभावना है।लखनऊ, पूर्वांचल (गोरखपुर, बस्ती, बनारस क्षेत्र) में 25 जुलाई के आसपास अच्छी बारिश की उम्मीद जताई गई है। पश्चिमी यूपी (मेरठ, आगरा आदि) में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
यूपी में कब आया मॉनसून
मॉनसून 18–19 जून के बीच उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर गया, जो सामान्य (18 जून) के अनुसार समय पर हुआ 29 जून तक पूरे भारत में मॉनसून सक्रिय हो गया; इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश भी शामिल है। 1 जून से 12 जुलाई तक पूरे भारत में कुल 416.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई, जो सामान्य (323.6 मिमी) से +29% अधिक है। सिर्फ जून माह में भारत में कुल 180 मिमी बारिश हुई, जो कि लम्बे अवधि के औसत 165.3 मिमी से +8.9% अधिक है। उत्तर प्रदेश की विशिष्ट संख्या तो उपलब्ध नहीं, लेकिन पूरे मध्य व उत्तरी भारत में बारिश +28% (1–2 जुलाई) और +44% (1–9 जुलाई) की वृद्धि दर से हुई है।
वर्षा का सारांश और पूर्वानुमान
वर्ग | तथ्य / आँकड़े | स्रोत / टिप्पणी |
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मॉनसून आगमन | 18–19 जून, 2025 | IMD (सामान्य तिथि 18 जून) |
जून 2025 में बारिश (भारत) | 180 मिमी (+8.9% सामान्य से) | SANDRP रिपोर्ट |
1 जून–12 जुलाई 2025 तक कुल बारिश (भारत) | 416.7 मिमी (+29%) | IMD रिपोर्ट |
उत्तर भारत में वर्षा वृद्धि (1–9 जुलाई) | +44% | IMD (Extended Range Forecast) |
जुलाई 2025 का पूर्वानुमान | सामान्य से अधिक बारिश (106%+ LPA) | IMD मुख्य पूर्वानुमान |
उत्तर प्रदेश में वर्तमान स्थिति | सामान्य से अधिक बारिश; कई जिलों में भारी बारिश | Times of India, IMD |
चेतावनी (मौसम अलर्ट) | बुंदेलखंड, पूर्वी यूपी में भारी से अति भारी बारिश | IMD, Newsonair |
प्रभाव | कृषि में मदद, लेकिन बाढ़ और जलजमाव का खतरा | स्थानीय प्रशासन एवं मौसम विशेषज्ञ |
सुझाव | स्थानीय मौसम अपडेट देखें, निचले क्षेत्रों से सावधानी | जिला प्रशासन सलाह |
Revenue Code Changes: कोर्ट की सख्ती के बाद राजस्व संहिता में बदलाव, 45 दिन में करना होगा दाखिल खारिज, DM देंगे जवाब
Revenue Code Changes: उत्तर प्रदेश में जमीनों के दाखिल खारिज (Mutation) के मामलों में अब अनावश्यक देरी नहीं चलेगी। शासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह सुनिश्चित किया है कि गैर-विवादित मामलों में दिन के भीतर और विवादित मामलों में 90 दिन के भीतर नामांतरण (Land Transfer) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस नई व्यवस्था के तहत, दाखिल खारिज में देरी होने पर अब सीधे जिलाधिकारी (DM) और मंडलायुक्त (Commissioner) को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें