हाइलाइट्स
- ईडी की छापेमारी में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले
- धर्मांतरण गिरोह के 10 आरोपी गिरफ्तार
- कोलकाता बना धर्मांतरण गिरोह का सेफ जोन
Chhangur Baba Case News: प्रवर्तन निदेशालय (ED), लखनऊ ने एक धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ, बलरामपुर और मुंबई समेत 15 ठिकानों पर पीएमएलए, 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया। यह मामला छंगुर बाबा और उनके सहयोगी नवीन रोहरा से जुड़ा है, जिन पर गैरकानूनी धर्मांतरण, विदेशी फंड के दुरुपयोग, और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
विदेशी फंडिंग से जुड़ी दस्तावेजी सबूत बरामद
ईडी की इस छापेमारी के दौरान विदेशी फंडिंग से संबंधित दस्तावेज, अचल संपत्ति निवेश, और धन के ट्रांसफर से जुड़े कई अपराध-संकेतक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। यह फंड्स कथित रूप से भारत में धार्मिक रूपांतरण के लिए उपयोग किए जा रहे थे।
10 आरोपी गिरफ्तार, 6 ने धर्म परिवर्तन कर बदला नाम
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 6 आरोपियों ने धर्मांतरण कर अपना नाम बदल लिया।
पुराना नाम → नया नाम
एसबी कृष्णा → आयशा
रूपेंद्र बघेल → अबु रहमान
मनोज → मुस्तफा
शेखर रॉय → अली हसन
पियूष सिंह पंवार → मोहम्मद अली
पुलिस का कहना है कि इन सभी को पहले गिरोह ने लालच दे कर धर्म बदलवाया, फिर उन्हें सोशल मीडिया पर “रिवर्ट” नाम से प्रचार करने के लिए प्रेरित किया गया।
“रिवर्ट” कोडवर्ड और निकाह के बाद वापस लौटना मुश्किल
गिरोह ने “रिवर्ट” नाम का एक कोड वर्ड बना रखा था, जिसका इस्तेमाल घर वापसी के लिए किया जाता था। धर्मांतरण कराने से पहले अखबार में विज्ञापन, फिर कोर्ट में अर्जी, और अंत में निकाह कराए जाते थे। एक बार यह प्रक्रिया पूरी होने पर लड़कियों का घर लौटना बेहद मुश्किल हो जाता था।
कोलकाता बना हुआ था सेफ जोन
गिरफ्तार लड़कियों की पूछताछ में सामने आया कि उन्हें कोलकाता के तपसिया इलाके में रखा गया, जहां पहले से ही धर्मांतरण के लिए तैयार कई युवक-युवतियां मौजूद थे। इन्हें दीनी तालीम दी जाती थी और गिरोह की मदद से नौकरी व रहने की व्यवस्था कराई जाती थी। यह इलाका गिरोह के लिए सेफ जोन की तरह काम करता था।
बालिग लड़कियों को बनाया जाता था निशाना
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि यह गिरोह अधिकतर व्यस्क युवतियों को निशाना बनाता था, ताकि उन्हें कानूनी अड़चनों से बचाया जा सके। ये लड़कियां न केवल आसानी से धर्म परिवर्तन कर सकती थीं, बल्कि अपने जान-पहचान वालों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करती थीं।
ATS और IB की पूछताछ जारी
गिरफ्तार आरोपियों से ATS और IB द्वारा पूछताछ की जा रही है। एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि इस गिरोह का नेटवर्क कहां-कहां फैला है और इसमें कौन-कौन से विदेशी संगठन शामिल हो सकते हैं।
छांगुर के करीबी हुए गिरफ्तार
एटीएस (ATS) ने छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के नेटवर्क पर लगातार शिकंजा कस रही है। एटीएस ने छांगुर के करीबी सहयोगी और बलरामपुर जनपद न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में पेशकार रहे राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी शनिवार को गोपनीय तरीके से बलरामपुर में की गई, जिससे जिले में सनसनी फैल गई।
राजेश उपाध्याय कोर्ट में करता था केस मैनेज
जांच में सामने आया है कि राजेश उपाध्याय छांगुर के इशारे पर कोर्ट में केस मैनेज करता था। वह छांगुर के विरोधियों को फंसाने के लिए कोर्ट से फर्जी एफआईआर के आदेश भी निकलवाता था। अदालत के भीतर बैठकर वह धर्मांतरण गिरोह के लिए न्यायिक सिस्टम में सेंध लगाने का काम कर रहा था।
पत्नी को प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी
एटीएस जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने राजेश की पत्नी संगीता को पुणे (महाराष्ट्र) की एक प्रॉपर्टी में हिस्सेदार बनाया था। इस प्रॉपर्टी से संगीता को नियमित रूप से मुनाफा दिया जा रहा था। यह मुनाफा भी अवैध गतिविधियों से कमाई गई राशि से जोड़कर देखा जा रहा है।
छांगुर के नेटवर्क की परतें खुल रहीं
छांगुर उर्फ जमालुद्दीन अवैध धर्मांतरण रैकेट का सरगना है। वह लंबे समय से यूपी में धर्म परिवर्तन की साजिश रचने के आरोप में एटीएस के निशाने पर है। राजेश की गिरफ्तारी इस नेटवर्क के न्याय व्यवस्था में गहराई तक घुसपैठ का स्पष्ट प्रमाण है।
FAQ’s
Q: छंगुर बाबा धर्मांतरण मामले में ईडी की छापेमारी में क्या मिला?
Ans: ईडी की छापेमारी में विदेशी फंडिंग से जुड़ी कई दस्तावेजी सबूत, अचल संपत्तियों में निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग के संकेतक दस्तावेज मिले। ये फंड भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए उपयोग किए जा रहे थे।
Q: छंगुर बाबा गिरोह से अब तक कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं?
Ans: अब तक इस धर्मांतरण गिरोह से जुड़े 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से 6 ने धर्म बदलकर नया नाम भी अपना लिया है। इसके अलावा, छंगुर के करीबी राजेश उपाध्याय को भी एटीएस ने गिरफ्तार किया है।
Q: कोलकाता को इस गिरोह का ‘सेफ जोन’ क्यों कहा जा रहा है?
Ans कोलकाता के तपसिया इलाके में धर्मांतरण के लिए तैयार युवक-युवतियों को रखा जाता था, उन्हें दीनी तालीम दी जाती थी और रहने व नौकरी की व्यवस्था गिरोह द्वारा की जाती थी, जिससे यह इलाका ‘सेफ जोन’ बन गया था।
UP Court Clerk Rajesh Upadhyay: छांगुर का करीबी कोर्ट क्लर्क राजेश उपाध्याय गिरफ्तार, केस मैनेज करने का करता था काम
अवैध धर्मांतरण के मुख्य आरोपी छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। एटीएस ने छांगुर के करीबी सहयोगी और बलरामपुर जनपद न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में पेशकार रहे राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें