CG High Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में बहुचर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट मुआवजा घोटाला (Bharatmala Project Scam) से जुड़े मामले में बड़ी खबर सामने आई है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली इस मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना (Infrastructure Project) के भूमि अधिग्रहण में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने बड़ी राहत दी है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हरमीत खनूजा, विजय जैन, उमा तिवारी और केदार तिवारी की नियमित जमानत (Regular Bail Granted) मंजूर की है। ये सभी आरोपी पिछले तीन महीने से रायपुर जेल में बंद थे।
कानूनी अधिकार के तहत मिली जमानत
सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज परांजपे और सरफराज खान ने विस्तृत दलीलें पेश कीं। वकीलों ने अदालत को यह भरोसा दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ जमानत न देने का कोई वैधानिक आधार नहीं है। मुख्य न्यायाधीश (CG High Court) ने इसे स्वीकारते हुए स्पष्ट किया कि यह कोई अंतरिम राहत नहीं है, बल्कि कानूनी अधिकार के तहत दी गई रेगुलर बेल (Legal Right to Bail) है।
43 करोड़ का मुआवजा घोटाला
ईओडब्ल्यू (EOW – Economic Offence Wing) की जांच में सामने आया है कि रायपुर से विशाखापट्टनम (Raipur to Visakhapatnam Corridor) तक बनने वाले हाईवे के लिए की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में करीब 43 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। जमीनों को जानबूझकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर एनएचएआई (NHAI – National Highways Authority of India) को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया।
डॉक्युमेंट फर्जीवाड़े का खेल
जांच (CG High Court) में यह भी खुलासा हुआ कि कई दस्तावेजों को बैक डेट (Backdated Documents) में तैयार किया गया। एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और रियल एस्टेट माफिया (Real Estate Mafia) के गठजोड़ ने मिलकर यह घोटाला रचा। कई किसानों को झूठे वादे कर जमीन अधिग्रहित करवाई गई और मुआवजा राशि की बंदरबांट कर ली गई।
हरमीत खनूजा की भूमिका मुख्य
ईओडब्ल्यू के अनुसार, हरमीत खनूजा की भूमिका इस घोटाले में सबसे प्रमुख मानी जा रही है। वह दशमेश इंस्टा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड (Dasmesh Insta Venture Pvt Ltd) नामक कंपनी का डायरेक्टर है, जो SDM शशिकांत कुर्रे की पत्नी भावना कुर्रे के साथ मिलकर संचालित की जा रही थी। हरमीत पर आरोप है कि उसने किसानों से संपर्क कर अधिक मुआवजा दिलाने का झांसा देकर ज़मीनें खरीदीं और सरकार से मोटी राशि वसूली।
सरकारी अधिकारियों पर भी शिकंजा
घोटाले की परतें खुलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने एसडीएम निर्भय कुमार साहू, दो तहसीलदार और तीन पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निर्भय साहू को उस समय जगदलपुर नगर निगम का आयुक्त बनाया गया था। इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrants) जारी किए गए हैं।
ईओडब्ल्यू की कार्रवाई में अब तक 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें हाल ही में जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) के दो सेवानिवृत्त अधिकारी और चार अन्य व्यक्ति शामिल हैं।
क्या है भारतमाला परियोजना?
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘भारतमाला परियोजना’ (Bharatmala Pariyojana) का उद्देश्य देशभर में सड़क नेटवर्क को मजबूत करना है। इसके अंतर्गत नई फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापट्टनम तक 546 किमी लंबे फोरलेन हाइवे (Four-lane Highway) और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क (Six-lane Road) प्रस्तावित है।
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