हाइलाइट्स
- एमपी में 80% गेस्ट टीचर्स ने नहीं लगाई ई-अटेंडेंस।
- शिक्षा विभाग ने कहा- अटेंडेंस नहीं, तो नहीं मिलेगा वेतन।
- गेस्ट टीचर्स नाराज, बोले- अवकाश नहीं, तो अटेंडेंस क्यों?
MP Guest Teachers E-Attendance: मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाने के प्रयास में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षक और अतिथि शिक्षक (गेस्ट टीचर्स) के लिए मोबाइल ऐप से अटेंडेंस अनिवार्य कर दी है। लेकिन इस तकनीकी बदलाव ने विवाद खड़ा कर दिया है। ई-अटेंडेंस में भारी लापरवाही के बाद अब विभाग ने सख्त रुख अपनाया है, वहीं गेस्ट टीचर्स ने सुविधाओं की मांग को लेकर विरोध तेज कर दिया है।
18 जुलाई से अटेंडेंस नहीं तो वेतन नहीं
मध्यप्रदेश में गेस्ट टीचर्स के लिए शुरू की गई ई-अटेंडेंस व्यवस्था जुलाई माह के पहले पंद्रह दिनों में बुरी तरह विफल साबित हुई है। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सख्त रुख अपनाते हुए सभी जिलों शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 18 जुलाई से जिन अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति (ई-अटेंडेंस) ‘हमारे शिक्षक’ ऐप के माध्यम से दर्ज नहीं होगी, उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा और उनका मानदेय भी रोका जाएगा।”
गेस्ट टीचर्स की ई-अटेंडेंस की रिपोर्ट जारी
शिक्षा विभाग ने हमारे शिक्षक’ ऐप से अटेंडेंस नहीं लगाने वाले शिक्षकों को अब अनुपस्थित मानते हुए वेतन न देने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के गेस्ट टीचर्स की ई-अटेंडेंस पर आधारित रिपोर्ट जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि इसे सख्ती से लागू किया जाए। वहीं, अतिथि शिक्षक संघ ने आपत्ति जताते हुए स्पष्ट किया है कि जब तक उन्हें अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक वे ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करेंगे।
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गेस्ट टीचर्स ने नहीं लगाई ई-अटेंडेंस
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र से गेस्ट टीचर्स की उपस्थिति मोबाइल ऐप ‘हमारे शिक्षक’ के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। बावजूद इसके, बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक अब तक इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। इस लापरवाही पर लोक शिक्षण आयुक्त ने गंभीर नाराजगी जताते हुए कहा कि लगभग 80% गेस्ट टीचर्स ने ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं की है, जो कि अत्यंत चिंताजनक और निराशाजनक स्थिति है।”
डिंडोरी जिले में 50 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थिति
शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के 55 जिलों में से केवल डिंडोरी ऐसा जिला है जहां अपेक्षाकृत बेहतर ई-अटेंडेंस दर्ज की गई है। यहां 57% गेस्ट टीचर्स ने ‘हमारे शिक्षक’ ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज की। इसके बाद झाबुआ में 48%, खरगोन में 45%, तथा नरसिंहपुर और शहडोल में 44-44% गेस्ट टीचर्स की अटेंडेंस दर्ज की गई।
वहीं दूसरी ओर, अनूपपुर जिला सबसे पीछे रहा, जहां 17 गेस्ट टीचर्स में से किसी ने भी एक भी दिन उपस्थिति दर्ज नहीं की। इसी तरह निवाड़ी और अलीराजपुर में मात्र 7-7% और मऊगंज और हरदा में 8-8% अटेंडेंस ही रिकॉर्ड की गई है। यह आंकड़े ई-अटेंडेंस व्यवस्था की जमीनी स्थिति को लेकर गंभीर चिंता पैदा करते हैं।
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