हाइलाइट्स
- जुबैदा हत्याकांड में पुलिस लापरवाही उजागर
- धमकियों के बावजूद नहीं हुई सुरक्षा कार्रवाई
- चौकी इंचार्ज और सिपाही सस्पेंड, जांच शुरू
रिपोर्ट- प्रदीप कौशिक
Zubaida Murder Case Hindi News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के काजीवाला गांव में जुबैदा हत्याकांड ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईद-उल-अजहा के दिन शुरू हुए विवाद के बाद लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों को नजरअंदाज करने वाली पुलिस अब कटघरे में खड़ी है।
मृतका जुबैदा के पति तवक्कल का आरोप है कि उन्होंने बार-बार पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन बेगावाला पुलिस चौकी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब इस मामले में एसपी अभिषेक झा ने पुलिस की लापरवाही को गंभीर मानते हुए चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार जादौन और सिपाही संदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
कैसे हुई जुबैदा की हत्या: जानिए पूरा मामला
ईद-उल-अजहा पर हुआ था विवाद: जुबैदा का अपने पड़ोसियों से ईद के दिन झगड़ा हुआ था। मामला बेगावाला पुलिस चौकी पहुंचा, लेकिन पुलिस ने समझौता कराकर फाइल बंद कर दी।
लगातार मिल रही थी धमकी: मृतका के पति का आरोप है कि आरोपी पक्ष लगातार जान से मारने की धमकियां दे रहा था, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
तहसील दिवस में की गई थी शिकायत: जुबैदा के परिवार ने प्रशासन के सामने भी अपनी बात रखी, लेकिन वहां भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
बुधवार को पहुंची थी जुबैदा चौकी: पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया, मगर जुबैदा तो पहुंची, आरोपी नहीं आए।
गुरुवार को सिपाही मौके पर पहुंचा, लेकिन…: एक सिपाही गांव पहुंचा और लीपापोती कर वापस लौट आया। इसके अगले ही दिन जुबैदा की हत्या कर दी गई।
एसपी की बड़ी कार्रवाई
बिजनौर एसपी अभिषेक झा ने माना कि पुलिस की ओर से गंभीर लापरवाही हुई है। इसीलिए उन्होंने चौकी इंचार्ज और सिपाही को निलंबित करते हुए मामले की जांच सीओ सिटी को सौंप दी है।
जुबैदा के पति तवक्कल का दर्द
“हमने बार-बार कहा कि जान से मारने की धमकी मिल रही है, लेकिन पुलिस ने हर बार अनसुना किया। अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो मेरी पत्नी आज जिंदा होती।”
क्या पुलिस की लापरवाही से गई महिला की जान?
यह सवाल अब पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है। जुबैदा हत्याकांड न सिर्फ प्रशासनिक चूक को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि महिलाएं आज भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं, चाहे उन्होंने कितनी भी बार शिकायत क्यों न की हो।
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