हाइलाइट्स
- भोपाल में ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टरों पर कार्रवाई।
- CMHO डॉ. शर्मा ने थमाया कारण बताओ नोटिस।
- तीन स्वास्थ्यकर्मियों का 7 दिन का वेतन काटा गया।
Bhopal CMHO Action: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रशासन अब सख्त हो गया है। समय पर ड्यूटी नहीं करने और लापरवाह डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। भोपाल में सीएमएचओ ने लापरवाह मेडिकल स्टाफ को नोटिस थमाया है। मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक के तीन स्वास्थ्यकर्मियों को लापरवाही के चलते वेतन कटौती और नोटिस थमाए गए हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और जवाबदेही बनाए रखना है।
ड्यूटी से गायब डॉक्टरों को नोटिस
भोपाल में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने स्वास्थ्य संस्थानों में कार्य के प्रति लापरवाही को लेकर सख्ती दिखाई है। यहां ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सीएमएचओ ने लापरवाह डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ वेतन कटौती और कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। ये सभी 9 जुलाई को आयोजित किए गए एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविर में ड्यूटी से गायब मिले थे।
सात दिन की सैलरी काटने का आदेश
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने नटखट चौराहा मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमित त्यागी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही डॉक्टर की सात दिन की सैलरी काटने का आदेश दिया है। डॉ. सुमित त्यागी शिविर में बिना किसी पूर्व सूचना के गैरहाजिर पाए गए थे। डॉक्टर के ड्यूटी से गायब रहने पर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
ओपीडी टाइम में गैरहाजिर मिले डॉक्टर
चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमित त्यागी से साथ ही दो अन्य गैरहाजिर मिले स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। दशमेश नगर स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक के डॉक्टर आयुष्मान सिंह और नर्सिंग ऑफिसर दुर्गेश्वरी पटैया भी ओपीडी समय में गायब पाए गए थे। दोनों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही सात दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर प्रशासन सख्त
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि स्टाफ की अनुपस्थिति मरीजों के लिए गंभीर समस्या बनती है। इससे उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल या जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है, जिससे न केवल व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है, बल्कि लाभार्थी भी जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना और मरीजों के अधिकारों की अनदेखी को गंभीरता से लेते हुए की गई है। संबंधित कर्मचारियों से जवाब तलब किया गया है। यदि उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।