Solar Plant Business: आज के दौर में लोग नौकरी के बजाय बिजनेस को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं, इसी वजह से देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई लोग पारंपरिक व्यवसाय अपना रहे हैं, तो कुछ लोग नए और अनोखे आइडिया पर काम कर रहे हैं। अगर आप भी कोई कारोबार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो सोलर प्लांट लगाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
इसमें आप खुद के लिए बिजली बना सकते हैं और चाहें तो उसे बेचकर कमाई भी कर सकते हैं। यह अब एक मजबूत और लाभकारी बिजनेस मॉडल बन चुका है। खास बात ये है कि इसमें सरकार की ओर से सहायता और सब्सिडी भी दी जाती है।
सोलर प्लांट का बिजनेस कैसे शुरू करें?
किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी होता है। सोलर प्लांट जैसे कारोबार के लिए सबसे पहले आपको ऐसी जगह की जरूरत होगी, जहां अच्छी धूप आती हो, जैसे खुली जमीन या फिर किसी इमारत की बड़ी छत।
शुरुआत में आप 5 किलोवाट से लेकर 1 मेगावाट तक का सोलर प्लांट लगा सकते हैं। इसके बाद आपको भारत सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय या राज्य की सोलर एजेंसी से अनुमति लेनी होती है। इसके अलावा, आपको नेट मीटरिंग की व्यवस्था करनी होती है ताकि आप बिजली ग्रिड में भेज सकें। जितनी यूनिट बिजली आप ग्रिड में भेजते हैं, उसी हिसाब से आपकी कमाई होती है, जो हर महीने आपके खाते में ट्रांसफर होती है।
कितनी होगी कमाई?
कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आपका प्लांट कितनी क्षमता का है और रोजाना कितनी यूनिट बिजली बना रहा है। उदाहरण के तौर पर, एक 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम रोजाना लगभग 4–5 यूनिट बिजली पैदा करता है, यानी महीने में 120–150 यूनिट। यदि आप इसे 3–5 रुपये प्रति यूनिट की दर से ग्रिड को बेचते हैं, तो हर महीने लगभग ₹500 से ₹750 की कमाई हो सकती है।
अगर आप कमर्शियल स्तर पर 10 किलोवाट से लेकर 1 मेगावाट तक का प्लांट लगाते हैं, तो यह कमाई लाखों रुपये तक पहुंच सकती है। यानी जितनी ज्यादा बिजली बनेगी, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।
सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनके तहत आप लोन ले सकते हैं और सब्सिडी का फायदा भी उठा सकते हैं। यह बिजनेस पर्यावरण के लिहाज से भी फायदेमंद है और भविष्य में इसकी मांग और ज्यादा बढ़ने वाली है।
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