हाइलाइट्स
- एलडीए करेगा सहारा बाजार की ऑनलाइन नीलामी
- 150 दुकानों वाले परिसर की लीज हुई रद्द
- वैध दुकानदारों को एलडीए देगा तीन विकल्प
Lucknow Sahara Bazar Auction: राजधानी लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे के पास स्थित सहारा बाजार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अब ऑनलाइन नीलामी के जरिए बेचने जा रहा है। यह कॉमर्शियल प्लॉट गोमती नगर के विभूति खंड में स्थित है और इसमें लगभग 150 दुकानें बनी हैं। नीलामी दो दिन बाद शुरू होगी और यह प्लॉट एकमुश्त एक व्यक्ति को बेचा जाएगा। खरीदार को इस परिसर को तोड़कर नया कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति दी जाएगी।
1987 में मिली लीज 2017 में समाप्त
LDA ने यह प्लॉट 9 जनवरी 1987 को सहारा इंडिया कार्पोरेशन लिमिटेड को 30 वर्षों की लीज पर आवंटित किया था। लीज की अवधि 9 जनवरी 2017 को खत्म हो गई, लेकिन सहारा इंडिया ने इसका नवीनीकरण नहीं कराया। लीज की शर्तों के उल्लंघन को देखते हुए एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने लीज निरस्त करते हुए प्लॉट में पुनः प्रवेश के आदेश पारित किए। इसके बाद एलडीए ने 12 दिन पूर्व सहारा बाजार को अपने कब्जे में ले लिया।
कोर्ट से नहीं मिली राहत, नीलामी की तैयारी
सहारा इंडिया ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन अदालत से उसे कोई अंतरिम राहत नहीं मिली। इसके बाद एलडीए ने सहारा बाजार को नीलामी प्रक्रिया में शामिल करने का फैसला लिया है। अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि यह भूखंड पॉलीटेक्निक चौराहे और वेव मॉल के बीच स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 4741 वर्ग मीटर है।
150 दुकानों में से सिर्फ 11 चालू
अपर सचिव ने बताया कि कॉम्प्लेक्स में लगभग 150 दुकानें बनी हैं, जिनमें से केवल 11 ही संचालित थीं। कब्जा लेने से पूर्व एलडीए ने मौके पर मुनादी कराकर दुकानदारों को जगह खाली करने का समय दिया था। समयसीमा पूरी होने पर एलडीए की संयुक्त टीम ने परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया।
सहारा पर अनियमितता का आरोप
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सहारा इंडिया ने लीज पर मिले भूखंड को अपनी संपत्ति बताकर लोगों को दुकानें बेच दी थीं। संस्था ने सेल डीड में खुद को पूर्ण स्वामी घोषित किया, जो कि लीज शर्तों के खिलाफ था। साथ ही सेल डीड में विवाद की स्थिति में मिल-बैठकर समाधान की शर्त भी शामिल की गई थी।
वैध दुकानदारों को मिलेगा राहत पैकेज
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा है कि वैध दुकानदारों के साथ अन्याय नहीं होगा। प्राधिकरण की ओर से उन्हें राहत दी जाएगी। अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि वैध दुकानदारों को तीन विकल्प दिए जाएंगे, जिनमें पुनः दुकान आवंटन का भी प्रावधान है।
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