हाइलाइट्स
- भोपाल ROB में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप।
- कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने लगाए गंभीर आरोप।
- लोकायुक्त और EOW से की शिकायत, FIR की मांग।
Bhopal 90 Degree ROB Controversy: भोपाल के ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज अब चर्चा और विवाद का केंद्र बन गया है। इसके 90 डिग्री वाले खतरनाक मोड़ ने न केवल लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब आरओबी को लेकर भ्रष्टाचार और तकनीकी लापरवाही के गंभीर आरोप उभरकर सामने आए हैं। कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने लोकायुक्त और EOW से इस पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
लोकायुक्त और EOW में शिकायत
एमपी कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने 90 डिग्री एंगल वाले ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें लोक निर्माण विभाग (PWD) के 6 वरिष्ठ अधिकारियों और एक ठेकेदार के खिलाफ नामजद FIR की मांग की गई है। शिकायत में अधिकारियों और एक ठेकेदार पर भ्रष्टाचार और सुरक्षा अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
निर्माण में भ्रष्टाचार और तकनीकी अनदेखी
कांग्रेस नेता की शिकायत के मुताबिक, ऐशबाग आरओबी का निर्माण कार्य साल 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीनों में पूरा किया जाना था, लेकिन साल 2025 तक भी ब्रिज अधूरा पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण में देरी का कारण भ्रष्टाचार और तकनीकी अनदेखी है, जिससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हुआ बल्कि जनता की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया गया।
शिकायतकर्ता नेता यादव का दावा है कि 18 करोड़ की अनुमानित लागत वाली पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने 90 डिग्री का मोड़ से आरओबी को तकनीकी रूप से असुरक्षित बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने इसे स्वर्ग तक जाने वाला पुल कहकर कड़ी आलोचना की है।
NHAI की रिपोर्ट में खामियां उजागर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा ब्रिज की निरीक्षण रिपोर्ट में कई तकनीकी खामियां सामने आई हैं, जिनमें संरचनात्मक असुरक्षा, आधा अधूरा आधार, और मोड़ की दुर्घटनाग्रस्त संभावना प्रमुख हैं। जांच में सामने आया कि मोड़ इतना तीखा है कि वहां हादसे की आशंका बनी रहती है।
विशेषज्ञों ने यहां 30-35 किमी प्रतिघंटा की स्पीड को भी खतरनाक बताया। कांग्रेस नेता का कहना है कि यह मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का प्रतीक है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
नामजद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग
शिकायत में इन PWD अधिकारियों और एक ठेकेदार का नाम शामिल है।
केपी एस राणा (Engineer-in-Chief), जीपी वर्मा (Chief Engineer – Bridges), जावेद शकील (कार्यपालन यंत्री), रवि शुक्ला (SDO), संजय खाड़े (Chief Engineer), आरके मेहरा (ENC, PWD), पुनीत चड्ढा (ठेकेदार)
राकेश यादव ने लोकायुक्त और EOW से आरोपियों पर तुरंत नामजद FIR दर्ज करने की मांग की है, ताकि इस मामले में भ्रष्टाचार की तह तक पहुंचा जा सके।
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Bhopal 90 Degree ROB: खतरनाक मोड़ वाले ऐशबाग आरओबी पर सीएम मोहन यादव बोले- टेक्निकल फॉल्ट दूर करने के बाद होगा लोकार्पण
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