Bhindi Khane ke Nuksan: भिंडी एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद और पोषण दोनों के लिहाज से काफी लोकप्रिय है। बच्चों से लेकर बड़े तक भिंडी की सब्जी बड़े ही चाव से खाते हैं। यह कम समय में बनने वाली सब्जी है, जो लंच या डिनर दोनों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
क्या होगा है इसमें

जानकारी के लिए बता दें कि भिंडी में प्रचुर मात्रा में फाइबर, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सारे तत्व शरीर की संपूर्ण कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष बीमारियों में भिंडी का सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है?
आइए जानते हैं कि किन 5 रोगों में भिंडी का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्या (गैस, ब्लोटिंग और कब्ज)

भिंडी में घुलनशील फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो सामान्य तौर पर पाचन में सहायक मानी जाती है। लेकिन जिन लोगों का पाचन तंत्र पहले से कमजोर है या जो गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी या फिर कब्ज जैसी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं, उनके लिए भिंडी नुकसानदेह हो सकती है।
क्यों? जानते हैं
इसमें अत्यधिक फाइबर होता है जो गैस बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। वहीं भिंडी नेचर चिपचिपी होती है, जिससे भारीपन महसूस हो सकता है। साथ ही पेट फूलना और अपच जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे लोगों को भिंडी खाने से बचना चाहिए। इसके लिए आप डॉक्टर से राय लेकर सीमित मात्रा में सेवन करें।
किडनी स्टोन और पथरी के रोगी

भिंडी में ऑक्सालेट (Oxalate) नामक तत्व मौजूद होता है, जो शरीर में कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल्स बना सकता है। यह तत्व किडनी और गॉल ब्लैडर में स्टोन (पथरी) बनने की संभावना को बढ़ाता है।
क्यों सावधान रहें?
ऑक्सालेट स्टोन के मरीजों के लिए यह अत्यंत हानिकारक हो सकता है। किडनी कमजोर हो तो भिंडी का मेटाबोलिज्म ठीक से नहीं हो पाता, जिससे शरीर पर बोझ पड़ता है। ऐसे में आप किडनी रोगी या जिन्हें पहले से पथरी की समस्या हो, वे भिंडी का सेवन पूरी तरह से टालें या डॉक्टर की सलाह लें।
सर्दी, जुकाम और साइनस के मरीज

भिंडी की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में अगर आप बार-बार सर्दी-जुकाम, साइनस या बलगम से पीड़ित रहते हैं, तो भिंडी का सेवन स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
क्या होता है नुकसान?
भिंडी का शीतल प्रभाव बलगम बढ़ा सकता है। साथ ही जुकाम लंबे समय तक बना रह सकता है। साइनस की सूजन और दर्द में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में आपको सर्दी-जुकाम या श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों में भिंडी खाने से बचें।
हाई ब्लड प्रेशर

भिंडी में पोटेशियम की मात्रा काफी होती है। यह तत्व सामान्य ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करता है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही हाई बीपी की समस्या है, तो पोटेशियम की अधिकता रक्तचाप को और बढ़ा सकती है।
नुकसान क्या हो सकता है?
- हृदय की धड़कनों में अनियमितता।
- ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव।
- सिरदर्द, चक्कर और बेचैनी जैसी समस्याएं।
ऐसे में आप हाई बीपी वाले लोग भिंडी का सेवन सीमित करें और डॉक्टर की राय लें।
एलर्जी और त्वचा संबंधी समस्याएं
कुछ लोगों को भिंडी से एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। इसमें त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन, आंखों में जलन या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
कैसे पहचानें भिंडी से एलर्जी?
- भिंडी खाने के तुरंत बाद खुजली या त्वचा में रैशेज होना।
- सांस फूलना या गले में सूजन महसूस होना।
- बार-बार पेट खराब होना।
यदि पहले कभी भिंडी खाने के बाद ऐसा अनुभव हुआ हो तो सावधानी बरतें और आगे से इसका सेवन पूरी तरह टालें।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।
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