हाइलाइट्स
- कल्याणपुर में अवैध अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई
- बिना लाइसेंस क्लीनिक सील, नोटिस जारी
- स्वास्थ्य विभाग ने दी कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी
रिपोर्ट- अनुराग श्रीवास्तव
Kanpur Kalyanpur Illegal Hospital Action: कानपुर शहर के कल्याणपुर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कई संस्थानों को सील कर दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई ने अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा दिया है।
बिना लाइसेंस और मानकों की उड़ रही थीं धज्जियां
स्वास्थ्य विभाग की नोडल टीम और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में यह पाया गया कि कई अस्पताल और क्लीनिक बिना पंजीकरण के चल रहे थे। निरीक्षण के दौरान कहीं प्रशिक्षित चिकित्सकों की कमी मिली तो कहीं एक्सपायर्ड दवाओं का उपयोग हो रहा था। कई जगहों पर चिकित्सा उपकरणों की स्थिति भी मानकों से काफी दूर पाई गई।
सील किए गए अस्पताल, नोटिस जारी
कार्रवाई के दौरान गंभीर अनियमितताओं वाले अस्पतालों को सील कर दिया गया। जबकि मामूली खामियों वाले संस्थानों को नोटिस जारी कर निर्धारित समय में दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि बिना लाइसेंस और मानकों के उल्लंघन पर अब किसी भी अस्पताल को बख्शा नहीं जाएगा। कुछ मामलों में पुलिस में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पहले भी हुई हैं ऐसी कार्रवाइयां
यह कोई पहली बार नहीं है जब कल्याणपुर में इस तरह की कार्रवाई हुई हो। वर्ष 2022 में सारांश अस्पताल को सील किया गया था, जबकि जेके और डिवाइन अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे। बिल्हौर क्षेत्र में भी एक क्लीनिक को दो बार सील करने के बावजूद पुनः संचालन करने पर कड़ी चेतावनी दी गई थी।
डीएम और सीएमओ के बीच विवाद के बीच एक्शन
दिलचस्प बात यह है कि यह कार्रवाई उस वक्त की गई है जब सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी और जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के बीच चल रहे विवाद की चर्चा जोरों पर है। हाल ही में वायरल हुए एक ऑडियो में सीएमओ पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिन पर डीएम ने कार्रवाई की सिफारिश भी की थी। इस बीच सीएमओ ने मोर्चा संभालते हुए छापेमारी कर अपनी सक्रियता का परिचय दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। आमजन से अपील की गई है कि वे किसी भी अस्पताल या क्लीनिक में इलाज कराने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस जरूर जांच लें। विभाग ने यह भी कहा है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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