CG News: छत्तीसगढ़ में शासकीय मेडिकल कॉलेजों (Government Medical Colleges) और अस्पतालों में मीडिया की एंट्री को लेकर हाल ही में जारी एक विवादास्पद आदेश को सरकार ने अब वापस ले लिया है। यह निर्णय स्वयं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल (Shyam Bihari Jaiswal) ने लिया, जिन्होंने साफ कहा कि “मीडिया के बिना लोकतंत्र अधूरा है।”
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क्या था विवादित आदेश?
पिछले सप्ताह स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया (Health Secretary Amit Kataria) की ओर से एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में मीडिया कवरेज से पहले जनसंपर्क विभाग (Public Relations Department) से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही बिना मरीज की लिखित सहमति के उनकी तस्वीरें या वीडियो नहीं ली जा सकेंगी।
इस आदेश के बाद पत्रकार संगठनों और मीडियाकर्मियों में भारी रोष देखने को मिला। इसे हाल ही में रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (MEKAHARA Hospital) में बाउंसर विवाद से जोड़कर देखा गया, जिसमें मीडिया को कवरेज से रोका गया था।
मंत्री ने लिया स्पष्ट फैसला
इस पूरे मामले पर हस्तक्षेप करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “जब तक मैं मंत्री हूं, ऐसा कोई निर्णय बिना संवाद के लागू नहीं होगा। मैं इस आदेश को तत्काल प्रभाव से रोकता हूं।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि मीडिया प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद एक पारदर्शी नीति (Transparent Policy) तैयार की जाएगी, जिससे अस्पतालों में व्यवस्था और संवाद दोनों सुरक्षित रहें।
मीडिया की भूमिका को बताया अहम
मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मीडिया की उपस्थिति से न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि आम लोगों तक सही सूचना पहुंचती है। ऐसे में संवादहीन फैसले अव्यवस्था को जन्म दे सकते हैं।
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