हाइलाइट्स
- केसर मिल पर किसानों का 182 करोड़ बकाया
- हाईकोर्ट ने मिल और सरकार से मांगा जवाब
- अगली सुनवाई 19 जून को निर्धारित
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली स्थित केसर इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा किसानों को सीजन 2024-25 के लिए बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान में देरी को लेकर राज्य सरकार और मिल प्रबंधन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया जिसमें मिल ने भुगतान की शर्तों में राहत की मांग की है।
मिल का प्रस्ताव: टुकड़ों में भुगतान की अपील
गन्ना मिल ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि उसे संपूर्ण बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान 31 जुलाई 2025 तक और शेष राशि 12 प्रतिशत ब्याज सहित 31 दिसंबर 2025 तक चुकाने की अनुमति दी जाए।
गन्ना समिति का विरोध: 50% तत्काल भुगतान की मांग
हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए सहकारी गन्ना विकास समिति ने अदालत से मांग की है कि मिल को कम से कम 50 प्रतिशत राशि 31 जुलाई 2025 तक भुगतान करने का निर्देश दिया जाए।
कोर्ट की अगली सुनवाई 19 जून को
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को अपने-अपने मुवक्किलों से इस संबंध में आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को तय की गई है।
182 करोड़ रुपये की वसूली का मामला
गौरतलब है कि बरेली की इस चीनी मिल पर किसानों के 170.40 करोड़ रुपये बकाया हैं। गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा 12 प्रतिशत ब्याज के साथ कुल 182.3046 करोड़ रुपये की वसूली के लिए वसूली प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसे मिल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
किसानों में नाराज़गी, समय पर भुगतान की मांग
उधर, मिल द्वारा भुगतान न किए जाने से किसान खासे नाराज़ हैं। वे कई बार किसान संगठनों के साथ मिलकर अपनी मांगें उठा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि अदालत इस मामले में जल्द और सख्त निर्णय लेगी ताकि उन्हें उनका मेहनताना समय पर मिल सके।
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