हाइलाइट्स
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विवादों में घिरे कथावाचक मोरारी बापू
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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का मोरारी बापू पर निशाना
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शंकराचार्य बोले- मोरारी बापू का व्यवहार रावण जैसा
रिपोर्ट – अभिषेक सिंह
Morari Bapu Controversy: कथावाचक मोरारी बापू अपनी पत्नी के निधन के बाद सूतक काल में राम कथा करने के बाद विवादों में घिर गए हैं। हालांकि उन्होंने काशी के संतों और विद्वत समाज से माफी मांग ली है, लेकिन विवाद थम नहीं रहा है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मोरारी बापू की रावण से तुलना की है।
‘मोरारी बापू को यमराज दंड देंगे’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मोरारी बापू का व्यवहार रावण जैसी प्रवृत्ति का है। अपने शास्त्र का मोरारी बापू प्रमाण दें। सूतक में दर्शन-पूजन और कथा करना शास्त्र के खिलाफ है। अगर पश्चाताप नहीं किया तो यमराज दंड देंगे।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने उठाए सवाल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि मोरारी बापू ने अपने वक्तव्य में कहा कि वे निम्बार्क संप्रदाय के साधु हैं जिसमें समाधि होने पर ही सबकुछ समाप्त हो जाता है। सूतक नहीं लगता तो इस पर हम यह जानना जानते हैं कि निम्बार्क सम्प्रदाय के किस ग्रन्थ में गृहस्थ व्यक्ति को सूतक न होने का वर्णन है। निम्बार्क सम्प्रदाय एक वैदिक सम्प्रदाय है तो वह कैसे अनैतिक कृत्य की छूट किसी को दे सकता है ? राजा, ब्रह्मचारी और यति को सूतक नहीं लगता। इसके अतिरिक्त अन्य सभी के लिए सूतक हमारे हिन्दू धर्मशास्त्र में कहा गया है।

‘प्रसिद्ध व्यक्ति की अधिक जिम्मेदारी बनती है’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि ये मात्र एक व्यक्ति का प्रश्न नहीं है। जब कोई सामान्य व्यक्ति ऐसा करे तो उसकी उपेक्षा की जा सकती है पर कोई प्रसिद्ध व्यक्ति जब शास्त्र विरुद्ध कृत्य करता है तो लोग अनुकरण करने लगते हैं। शास्त्र विरुद्ध आचरण कदापि अनुकरणीय नहीं हो सकता।
‘बापू जी से हमारा कोई द्वेष नहीं’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि मोरारी बापू जी से हमारा कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है परन्तु यह हमारा दायित्व है कि जहां भी शास्त्र का लोप हो रहा है उसके सुधार के लिए सचेत करें। क्योंकि जब शास्त्र की अवहेलना होती है तो व्यक्ति को न तो सिद्धि मिलती है और न सुख मिलता है।
मोरारी बापू ने मांगी माफी

कथा पर विवाद बढ़ता देखकर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में व्यास पीठ से मोरारी बापू ने माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हम यहां आए, शिव जी के दर्शन करने गए। जल चढ़ाया और कथा गाने लगे। ये बात कई पूज्य चरणों और कई महापुरुषों को ठीक नहीं लगी। किसी को ठेस लगी हो तो मैं आप सबके प्रति क्षमा प्रार्थी हूं। मेरे पास भी शास्त्र है, दिखा सकता हूं।
12 जून को हुआ था मोरारी बापू की पत्नी का निधन
कथावाचक मोरारी बापू की पत्नी का 12 जून को निधन हो गया था। इसके बाद वो 14 जून को काशी आ गए थे। उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और जलाभिषेक किया। इसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया था। वाराणसी में कथा के पहले दिन लोगों ने उनका पुतला जलाकर विरोध जताया था।
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