Chhattisgarh Naxal Encounter Update: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो नक्सलियों को ढेर कर दिया है। कुकानार थाना क्षेत्र में डीआरजी (DRG jawan) की टीम ने बुधवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी एलओएस (LOS) कमांडर बमन मारा (LOS commander Baman) गया, वहीं एक महिला नक्सली भी ढेर हो गई। मौके से एक इंसास राइफल, 12 बोर बंदूक और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
नक्सल मुक्त बस्तर! पर लड़ाई अभी बाकी
बस्तर को हाल ही में नक्सल मुक्त जिला (Bastar Naxal free) घोषित किया गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त ऑपरेशन (Chhattisgarh Naxal Encounter) और रणनीतिक योजनाओं की बदौलत संभव हो सकी है। हालांकि अबूझमाड़, बीजापुर और कांकेर जैसे क्षेत्रों में नक्सल प्रभाव अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। लेकिन सरकार और सुरक्षाबलों का दावा है कि अब यह लड़ाई अपने अंतिम चरण में है।

बसवराजू की मौत ने तोड़ी नक्सल मूवमेंट की कमर
21 मई 2025 को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में हुए सबसे बड़े एनकाउंटर में माओवादियों (Naxalite encounter) के महासचिव बसवराजू समेत 28 नक्सली मारे गए थे। बसवराजू पर 10 करोड़ का इनाम था और उसकी मौत के बाद से नक्सल मूवमेंट कमजोर होता गया। इसके बाद से लेकर अब तक कुल 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण (Naxalite surrender) किया है।
पुनर्वास योजनाएं बदल रहीं दिशा
सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास नीति, इलवद पंचायत योजना और नियद नेल्ला नार योजना जैसी योजनाएं लागू की हैं।
- पुनर्वास नीति (Naxalite rehabilitation policy)- इसके तहत ₹15,000 से ₹35,000 तक की राशि, ₹6,000 महीना जीविका भत्ता, स्किल ट्रेनिंग, शिक्षा और स्वास्थ्य सहायता दी जाती है।
- इलवद पंचायत योजना (Ilwad Panchayat scheme) – इस योजना के तहत नक्सल मुक्त गांवों को ₹1 करोड़ की राशि मिलती है ताकि गांवों में बुनियादी विकास हो सके।
- नियद नेल्ला नार योजना (Niyyad Nella Nar scheme)- इसके तहत गोंडी भाषा में “हमारा गांव, हमारा गौरव” का प्रतीक है, जिसके तहत गौरव ग्राम घोषित गांवों में सड़क, स्कूल, अस्पताल जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।

बड़ेसट्टी गांव बना मॉडल, मिला 1 करोड़ का फंड
सुकमा का बड़ेसट्टी गांव इस योजना का सफल उदाहरण बन गया है। 19 अप्रैल को यहां 11 नक्सलियों के सरेंडर के बाद गांव को नक्सल मुक्त घोषित किया गया और ₹1 करोड़ की विकास निधि जारी की गई है, जिससे गांव में पंचायत भवन, स्कूल और अस्पताल बनाए जा रहे हैं।
2025 में अब तक कितने नक्सली मारे जा चुके?
2024 में 290 नक्सली मारे गए (Chhattisgarh Naxal Encounter) थे, वहीं 2025 की शुरुआत से अब तक 200 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से कई हार्डकोर कैडर और वांछित नेता थे। इन शीर्ष नक्सलियों में बसवराजू (₹10 करोड़ इनामी), सुधाकर उर्फ गौतम (CCM) और भास्कर (TSC सदस्य) शामिल हैं। इनकी मौत ने नक्सल मूवमेंट को कमजोर किया है। लगातार आत्मसमर्पण और ऑपरेशनों से साफ है कि सुरक्षाबलों का दबदबा अब निर्णायक स्थिति में है।
जानिए इस साल कब और कितने नक्सली मारे गए
- 07 जून 2025: दो महिला नक्सली और तीन पुरुष नक्सली मारे गए।
- 06 जून 2025: तेलंगाना स्टेट कमेटी (TSC) सदस्य भास्कर मारा गया।
- 05 जून 2025: सेंट्रल कमेटी सदस्य (CCM) सुधाकर उर्फ गौतम मारा गया।
- 21 मई 2025: शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू समेत 28 नक्सली मारे गए।
- 15 मई 2025: बीजापुर के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 16 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 नक्सली मारे गए।
- 12 अप्रैल 2025: दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए।
- 31 मार्च 2025: दंतेवाड़ा बीजापुर सीमा पर 45 लाख रुपये के इनामी महिला नक्सली मारी गई।
- 29 मार्च 2025: सुकमा में नक्सली मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए।
- 20 मार्च 2025: बीजापुर और कांकेर में दो नक्सली मुठभेड़ों में 30 नक्सली मारे गए।
- 9 फरवरी 2025: बीजापुर जिले में मुठभेड़, 31 माओवादी मारे गए।
- 20-21 जनवरी 2025: गरियाबंद जिले में मुठभेड़ में 16 माओवादी मारे गए।
- 19 जनवरी 2025: सेंट्रल कमेटी सदस्य जयराम उर्फ चलपति समेत 14 माओवादी मारे गए।
- 16 जनवरी 2025: बीजापुर जिले में मुठभेड़ में 18 माओवादी मारे गए।
2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन (Chhattisgarh Naxal operation) तेज किए गए हैं। आधुनिक तकनीक, ड्रोन सर्विलांस और इंटेलिजेंस नेटवर्क के जरिए नक्सल ठिकानों पर सटीक कार्रवाई हो रही है।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर छत्तीसगढ़
सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जैसे जिलों में अब गांवों में स्कूलों की घंटी सुनाई दे रही है, अस्पताल खुल रहे हैं, मोबाइल नेटवर्क पहुंच रहा है। एक समय जो इलाका गोलियों की गूंज से दहलता था, वहां अब विकास की रोशनी दिख रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता के लिए सुरक्षा बलों को बधाई दी है और दोहराया है कि अब लड़ाई अंतिम मोड़ पर है।
बस्तर अब सिर्फ नक्सल प्रभावित इलाका नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की कहानी बन चुका है। जहां पहले खौफ का साया था, अब उम्मीदों की रोशनी फैल रही है। सरकार की नीतियां और सुरक्षा बलों की वीरता मिलकर इस बदलाव की कहानी लिख रहे हैं- जो आने वाले वर्षों में पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है।
ये भी पढ़ें: CG Corona Case: महासमुंद में मिला कोरोना का नया मामला, देशभर में एक्टिव केस 7 हजार के पार, लोगों में बढ़ी चिंता
ऐसी ही ताजा खबरों के लिए बंसल न्यूज से जुड़े रहें और हमें X, Facebook, WhatsApp, Instagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।