प्रेमानंद महाराज से भक्त ने पूछा – जब मंदिर में प्रभु होते हैं फिर भी हादसा क्यों हो जाता है?, सुनिए क्या मिला जवाब
– ये सब इंसान के कर्म होते हैं
– जब आप पाप कर रहे होते हैं तब भगवान देख रहे होते हैं
– ये केवल इंसान के कर्म होते हैं
– उसी से उसके जीवन और मृत्यु की जगह तय होती है