CG Surya Ghar Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सूर्यघर योजना” (CG Surya Ghar Yojana) का मकसद देशभर के एक करोड़ घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में भी तेजी से कार्य शुरू हुआ, लेकिन राज्य सरकार की सब्सिडी दरें तय न होने के चलते आवेदनों की रफ्तार थम गई है। अब तक 29 सौ घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं और 41 हजार से ज्यादा आवेदन भी प्राप्त हो चुके हैं, मगर सब्सिडी स्पष्ट न होने से कई लोग आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
राज्य सरकार भी देगी सब्सिडी, बजट में रखे 200 करोड़
अब केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ सरकार भी इस योजना (PM Surya Ghar Yojana) में सब्सिडी देने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। लेकिन फिलहाल यह तय नहीं किया गया है कि कितने किलोवाट सोलर सिस्टम पर कितनी सब्सिडी मिलेगी, जिससे लोग इंतजार की मुद्रा में हैं। उम्मीद है कि जैसे ही यह घोषणा होगी, आवेदन प्रक्रिया में फिर से तेजी आएगी।
शुरुआत में धीमी रही योजना
पिछले साल अप्रैल से सितंबर तक केवल 7000 आवेदन ही प्राप्त हुए थे। इसके बाद पॉवर कंपनी ने गांव-शहरों में शिविर लगाकर योजना की जानकारी दी, जिससे जागरूकता बढ़ी और अब 41,200 से अधिक आवेदन जमा हो चुके हैं। इनमें से 40,300 आवेदनों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। यह योजना 2027 तक 1.30 लाख घरों को सोलर पैनल से लैस करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
78 हजार तक मिल रही सब्सिडी
इस समय केंद्र सरकार की ओर से 1 किलोवाट पर 30 हजार, 2 किलोवाट पर 60 हजार और 3 किलोवाट पर 78 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार की सब्सिडी तय होने के बाद 3 किलोवाट पर 20 से 30 हजार अतिरिक्त राहत मिलने की संभावना है। इस तरह उपभोक्ताओं को 70 से 75 हजार रुपए खर्च करने होंगे, जबकि बाजार मूल्य लगभग 1.75 लाख तक पहुंचता है।
नई पोर्टल से भी आ रही दिक्कतें
फरवरी में केंद्र सरकार ने योजना (CG Surya Ghar Yojana) के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया था, लेकिन शुरुआत में ही तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों को आवेदन करने में परेशानी हुई। अब जबकि तकनीकी समस्याएं दूर हो चुकी हैं, फिर भी राज्य की सब्सिडी घोषणा न होने के कारण आम लोग फैसले को टाल रहे हैं।
हर वर्ग को मिलेगा लाभ, आय सीमा नहीं
सूर्यघर योजना की खास बात यह है कि इसमें कोई आय सीमा नहीं रखी गई है। यानी हर वर्ग के लोग सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे एक ओर बिजली बिल में भारी बचत होगी, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी राज्य आगे बढ़ेगा।
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